नेताजी की विरासत कब्जाने की लड़ाई! RSS पर बरसी टीएमसी और वामपंथी

आगामी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है. ऐसे में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बनी हुई है. दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत पांच दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल में हैं. ऐसे में राजनैतिक पार्टियों में नेताजी की विरासत कब्जाने की होड़ मच गई है. बता दें कि 23 जनवरी को नेताजी की जयंती के मौके पर मोहन भागवत कोलकाता के ऐतिहासिक शहीद मीनार मैदान पर एक रैली में हजारों स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे. वहीं 23 जनवरी को ही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शहर के रेड रोड पर स्थित नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी.  

इतना ही नहीं कांग्रेस और नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित फॉरवर्ड ब्लॉक और टीएमसी भी नेताजी की जयंती के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन करेंगी.   ऐसे हालात में बयानबाजी भी खूब हो रही है. आरएसएस ने दावा किया है कि आरएसएस संस्थापक डॉ. हेडगेवार और नेताजी की कई बार मुलाकात हुईं. ऐसे में नेताजी की श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद मीनार मैदान पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. हालांकि मशहूर इतिहासकार और कई किताबों के लेखक प्रोफेसर आदित्य मुखर्जी का कहना है कि नेताजी की विचारधारा सेक्यूलर, लोकतांत्रिक सिद्धांत और ब्रिटिश राज से विरोध, आरएसएस और हिंदू महासभा के बिल्कुल विपरीत हैं.  

नेताजी के परपोते सुगाता बोस भी 23 जनवरी को उनके पैतृक निवास पर एक सूफी कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. इस दौरान आईएनए के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. नेताजी की परपोती माधुरी बोस का कहना है कि नेताजी की पूरा जीवन समावेश, सेक्यूलर चरित्र का उदाहरण है. माधुरी बोस ने कहा कि कोई भी नेताजी को श्रद्धांजलि दे सकता है लेकिन हमें और कई अन्य लोगों को लगता है कि नेताजी को सच्ची श्रद्धांजलि उनके उस विचार को अपनाकर होगी, जिसमें वह देश को जाति, धर्म से अलग एक समावेशी समाज बनाना चाहते थे.  

कलकत्ता यूनिवर्सिटी में इतिहास विभाग के अध्यक्ष किंशुक चटर्जी का कहना है कि राजनैतिक पार्टियां महान नेताओं को अपने फायदे के लिए अपना बनाती हैं और भारतीय राजनीति में यह सालों से होता आया है. उन्होंने कहा कि ऐसा ही नेताजी के साथ भी हो रहा है. कांग्रेस का दावा है कि नेताजी एक कांग्रेसी थे. वामपंथी पार्टियां नेताजी की समाजवादी नीतियों के चलते उनके साथ अपना नाम जोड़ती हैं. वहीं भाजपा विचारधारा के आधार पर नेताजी से जुड़ाव का दावा करती है.  


Web Title : FIGHT TO CAPTURE NETAJIS LEGACY! TMC AND LEFT SLAM RSS

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