बहुविवाह-निकाह हलाला को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर होगी सुनवाई, पांच जजों की बेंच की जाएगी गठित

सुप्रीम कोर्ट ने  कहा कि वह मुसलमानों में बहुविवाह और ´निकाह हलाला´ प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का गठन करेगा. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने वकील अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर ध्यान देते हुए यह फैसला लिया. दरअसल, पिछले साल 30 अगस्त को पांच जजों ने इस मामले की सुनवाई की थी लेकिन इस बीच जस्टिस इंदिरा बनर्जी और हेमंत गुप्ता रिटायर हो गए. जिससे अब एक बार फिर से पांच जजों की संविधान पीठ गठित करने की आवश्यकता है.

पिछली संविधान पीठ के दो जज हुए सेवानिवृत

इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय को प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़स न्यायमूर्ति हिमा कोहली न्यायमूर्ति जे. बी पर्दीवाला की पीठ से अनुरोध किया था कि इस मामले में संविधान पीठ को नए सिरे से गठित करने की आवश्यकता है, क्योंकि पिछले संविधान पीठ के दो न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता- सेवानिवृत्त हो चुके हैं.  

सीजेआई ने की टिप्पणी

सीजेआई ने कहा कि बहुत ऐसे महत्वपूर्ण मामले हैं जो पांच-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष लंबित हैं. हम इस मामले में भी पांच सदस्यीय पीठ का गठन करेंगे और इस मामले को ध्यान में रखेंगे. उपाध्याय ने पिछले साल दो नवंबर को भी इस मामले का जिक्र किया था.

पिछले साल 30 अगस्त को हुई थी सुनवाई

बता दें कि इससे पहले 30 अगस्त 2022 को पांच जजों की संविधान पीठ ने  राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और  राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को जनहित याचिकाओं में पक्षकार बनाया था और उनसे जवाब मांगा था. इस पीठ में  जस्टिस इंदिरा बनर्जी, हेमंत गुप्ता, सूर्यकांत, एमएम सुंदरेश और सुधांशु धूलिया शामिल थे. हालांकि, जस्टिस बनर्जी और जस्टिस गुप्ता इस साल क्रमशः 23 सितंबर और 16 अक्तूबर को सेवानिवृत हो गये, जिससे बहुविवाह और ´निकाह हलाला´ की प्रथाओं के खिलाफ 8 याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ के पुनर्गठन की जररूत पड़ी.  

रैलियों पर प्रतिबंध: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र हाईकोर्ट के पास वापस भेजा मामला

सड़कों और हाईवे पर रैली और जनसभाओं पर रोक लगाने के मामले में आंध्र प्रदेश सरकार को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाए बिना इसे वापस भेज दी. बता दें कि आंध्रप्रदेश सरकार ने राज्य में सड़कों और हाईवे पर रैली और जनसभाओं के आयोजन पर रोक लगा दी थी. इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया जहां हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी. इसके बाद राज्य सरकार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहां सुप्रीम कोर्ट ने वापस इस मामले को हाईकोर्ट के पास भेज दिया.  

Web Title : FIVE JUDGE BENCH TO HEAR PLEAS CHALLENGING POLYGAMY NIKAH HALALA

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