नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला हिरासत में है. पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में लिया गया है. फारूक अब्दुल्ला की हिरासत पर आज सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर तक केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. राज्यसभा सांसद वाइको की याचिका पर CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ ने सुनवाई की. वाइको के वकील ने कोर्ट से कहा कि फारुक अब्दुल्ला बाहर नहीं निकल सकते, कश्मीर में अधिकारों का हनन हो रहा है. कोर्ट ने वकील से कहा कि अपनी आवाज तेज नहीं करने को आदेश दिया. वाइके के वकील ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला पर अलग अलग रिपोर्ट पेश की गई है. जम्मू-कश्मीर में कई नेता हिरासत मेंबता दें कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से फारूक अब्दुल्ला हिरासत में है. उनको घर में ही हिरासत में रखा गया है. फारूक अब्दुल्ला के अलावा उनके बेटे ऊमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में रखा गया है. फारूक अब्दुल्ला की कथित हिरासत को लेकर राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने कोर्ट के सामने लाने के लिए याचिका दायर की थी. येचुरी की याचिका पर भी मांगा जवाबसुप्रीम कोर्ट ने सीताराम येचुरी की याचिका पर भी केंद्र से जवाब मांगा है. दरअसल 8 याचिकाओं में जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने, राष्ट्रपति शासन लगाने और पिछले कई महीनों से लागू प्रतिबंधों को चुनौती दी गई है.