धनबाद जिले में प्रतिभाओं के लिए नही है उत्तम कॉलेज :

धनबाद : देश की कोयला राजधानी धनबाद से हर वर्ष उच्च शिक्षा के लिए प्रतिभाशाली छात्र बाहर जाने को मजबूर हैं.

अरबों रुपये का राजस्व देने वाले इस जिले में पिछले डेढ़ दशक के दौरान एक भी उच्च शिक्षण संस्थान नहीं खुला.

सरकारी इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज तो नहीं ही खुले.

कोई निजी संस्थान भी यहां शिक्षण संस्थान खोलने के लिए आगे नहीं आया.

 
प्लस टू के बाद नहीं कोई व्यवस्था

धनबाद में स्कूल स्तर तक पढ़ाई के लिए कई अच्छे निजी स्कूल तो चल रहे हैं.

लेकिन प्लस टू के बाद प्रतिभाशाली छात्र कैसे पढ़ें, यह यहां के अभिभावकों के लिए बड़ी परेशानी का सबब है.

स्नातक के लिए पूरे जिले में केवल सात अंगीभूत कॉलेज हैं.

वह भी अविभाजित बिहार के समय से. अलग झारखंड राज्य बनने के बाद लगा था कि धनबाद के हालात बदलेंगे.

लेकिन झारखंड बनने के 15 वर्ष बाद भी धनबाद जिले में एक भी इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज तो दूर कोई साधारण स्नातक डिग्री कॉलेज तक नहीं खुला.

शिक्षा के मामले में धनबाद आज भी दूसरे बड़े शहरों से काफी पिछड़ा हुआ है.

 
जिले में एमबीए, फैशन डिजाइनिंग, पत्रकारिता सहित कई प्रोफेशनल कोर्स के लिए भी अलग राज्य बनने के बाद कोई इंस्टीट्यूट नहीं खुला.

ऐसे कोर्स करने के लिए भी हर वर्ष यहां के  छात्र बाहर जाने को विवश हैं.

जिले से हर वर्ष 40 से 45 हजार छात्र मैट्रिक पास करते हैं.

35 से 40 हजार छात्र हर वर्ष इंटर, प्लस टू पास करते हैं.

इसमें से लगभग आधा छात्र उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाने को विवश हैं.

 
प्रोफेशनल कोर्स के लिए नहीं कोई व्यवस्था

जिले में एमबीए, फैशन डिजाइनिंग, पत्रकारिता सहित कई प्रोफेशनल कोर्स के लिए भी अलग राज्य बनने के बाद कोई इंस्टीट्यूट नहीं खुला.

ऐसे कोर्स करने के लिए भी हर वर्ष यहां के  छात्र बाहर जाने को विवश हैं. 

जिले से हर वर्ष 40 से 45 हजार छात्र मैट्रिक पास करते हैं. 35 से 40 हजार छात्र हर वर्ष इंटर, प्लस टू पास करते हैं.

इसमें से लगभग आधा छात्र उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाने को विवश हैं.

 
आइएसएम, बीआइटी, पीएमसीएच ही पहचान :

धनबाद में भारतीय खनि विद्यापीठ (आइएसएम), जिसे अब आइआइटी का दर्जा मिल गया है, की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है.

यहां बीटेक के अलावा एमबीए की भी पढ़ाई हो रही है.

लेकिन इसमें नामांकन अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा से होती है.


इसके अलावा बीआइटी सिंदरी राज्य का प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज है, जिसमें नामांकन भी राज्य स्तरीय प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा से होती है.

इसके अलावा पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज है जिसमें भी नामांकन राज्य एवं अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आधार पर होता है.

यह तीनों शिक्षण संस्थान वर्षो पुराना है.

 
डीयू होती है पहली पसंद

साधारण स्नातक के लिए यहां के छात्रों की पहली पसंद दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) होती है.

यहां नामांकन नहीं होने के बाद छात्र बीएचयू या अन्य दूसरे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी का रुख करते हैं.

निजी कॉलेजों से इंजीनियरिंग एवं मेडिकल करने के लिए यहां के छात्र ज्यादा संख्या में  बेंगलुरु, पुणो जाना पसंद करते हैं.

हर वर्ष अप्रैल से जून तक यहां दूसरे राज्यों के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि कैंप करते हैं.

Web Title : BEST COLLEGE IN DHANBAD DISTRICT IS NOT FOR TALENT