दीपक वर्मा हत्याकांड में नहीं हुई गवाह की हाजरी

धनबाद : बहुचर्चित दीपक वर्मा हत्याकांड की सुनवाई गुरुवार को प्रधान जिला न्यायाधीश अंबुजनाथ की अदालत में हुई. बचाव पक्ष की ओर से अदालत में गवाह प्रस्तुत नहीं किया जा सका. बहस की तिथि 24 अगस्त मुकर्रर की गई.

गिरिडीह के शितलपुर स्थित ससुराल से धनबाद के मनईटांड़ स्थित अपने आवास लौटने के क्रम में दीपक वर्मा की हत्या उनके नौ वर्षीय पुत्र रिशु कुमार के आंखों के सामने टुंडी के कमलपुर जंगल में लोहे के रड से मारकर कर दी गई थी. पिता-पुत्र बाइक से आ रहे थे. घटना 28 मई 2014 की है.

टुंडी पुलिस ने दीपक की हत्या को उसकी पत्‍‌नी मुनिता देवी एवं प्रेमी शहजाद अंसारी की साजिश का परिणाम बताते हुए दोनों को आरोपी बनाया था. घटना की प्राथमिकी खुद मुनिता देवी ने ही दर्ज कराई थी और मौत को किसी दुर्घटना का परिणाम बताया था. लेकिन पुलिस ने अनुसंधान में हत्या का खुलासा करते हुए हत्या में प्रयुक्त लोहे का रड भी बरामद कर लिया था.

टुंडी थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने 30 सितंबर 2014 को मुनिता देवी एवं शहजाद अंसारी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित कर दिया था. पांच फरवरी 2015 को दोनों के खिलाफ आरोप पत्र गठित हुआ था.अभियोजन पक्ष ने बालक रिशु कुमार समेत एक दर्जन गवाह पेश किए थे.

Web Title : WITNESS NOT PRESENT IN DEEPAK VERMA MURDER CASE