सोच बदलो, जग बदलेगा : ब्रह्मर्षि गुर्वानंद स्वामी

धनबाद : अमृतमहोत्सव में अमृत का रसपान कराने आए गुर्वानंद स्वामी ने रविवार को टाउन हॉल में श्रद्धालुओं से अपनी सोच और विचार को बदलने का आह्वान किया. उन्होंने भक्तों से कहा कि संसार को बदलना है तो इंसान को अपनी सोच और विचार को बदलनी होगी.

हम जैसा सोचते है, वैसा करते भी है. विश्व को बदलने के लिए हर मनुष्य को अपनी सोच बदलनी होगी. उन्होंने कहा कि आकाश भी हमारी सोच ही उत्पति है. उन्होंने कहा कि धरती की उत्पति जल से हुई और जल अग्नि से पैदा हुआ.

अग्नि की हवा से हुई और हवा की उत्पति आकाश से हुई, लेकिन क्या कोई बता सकता है कि आकाश कहा से आया. इसका जवाब आज तक कोई खोज नहीं पाया है. स्वामी जी ने कहा कि इंसान आज चांद पर पहुंच गया है. मंगल और बुध ग्रह का भी पता लगा लिया है, लेकिन आकाश तक अभी तक कोई पहुंच नहीं पाया है.

आकाश है कहां यह भी किसी को पता नहीं. केवल हम इतना जानते है कि आकाश आसमान में है और यह इसलिए जानते है कि हम ऐसा सोचते है. यह हमारे दिमाग में बस गया है.

Web Title : BRHMARISHI GURUWANAND SWAMI JI AMRITWANI HELD IN DHANBAD