ब्रह्मऋषि गुरुवानंद जी स्वामी के अमृतवाणी से भाव-विभोर हुआ कोयलांचल

धनबाद : शहर के न्यू टाउन हॉल में रविवार को विश्व धर्म चेतना मंच धनबाद शाखा की ओर से एक दिवसीय अमृत महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रसिद्ध उद्योगपति प्रदीप संथालिया का अहम योगदान रहा. इस अमृत महोत्सव में तिरूपति से वाचक के रूप मे सिद्धि सम्राट विश्वसंत ब्रह्मऋषि गुरुवानंद जी स्वामी उपस्थित हो जीवन की दिशा एवं दशा पर अपना प्रवचन दिया.

हाल में फूलों का दरबार सजाया गया था, 1500 सौ भक्तों के बैठने की व्यवस्था तथा पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर लोगो को बैठने की जगह मिली. आवश्यकता अनुरूप हाल के बाहर भी भक्तों के लिए बैठने एवं प्रवचन का आन्नद लेने के लिए बड़े-बड़े प्लाजमा टीवी लगाये गये थे, ताकि जो बैठे भक्तगण सिद्धि सम्राट विश्वसंत ब्रहम्र्षि श्री गुर्वानन्द जी स्वामी गुरूदेव के अमृत वाणी को सुन व देख सकें.

इस महोत्सव में धनबाद एवं देश भर के कई चर्चित चेहरे इस कार्यक्रम में मौजूद थे. विधायक कुन्ती सिंह, मेयर इंदू देवी, डिप्टी मेयर नीरज सिंह, राज सिन्हा एवं राँची से धनबाद के पूर्व उपायुक्त अजय सिंह सपरिवार, बीजेपी उपाध्यक्ष रघुवर दास और दिल्ली से आप की पूर्व नेता साजिया इलमी भी गुरूदेव के अमृत वचन सुनने तथा आशिर्वाद लेने पहुचे थे. धनबाद और आसपास के पूरा मारवाड़ी समाज एक जगह एकत्रित हुआ था.

अमृत महोत्सव की शुरूवात भजनो से हुई. जितने हॉल के अन्दर भक्तगण मौजूद थे उससे कही ज्यादा बाहर अमृतवाणी सुनने पहंचे थे. गुरूदेव के आते ही पुरा टाउन हाल का प्रांगण उनके स्वागत में खड़ा हो गया. उनकी दर्शन मात्र से ही एक अलोकिक सुख की अनुभति करा रही थी. गरवा वस्त्र हाथ में छड़ी माथे पे तिलक, चेहरे पर मुस्कान और चेहरे का तेज देखते ही बनता था.

 

उनके अमृत वाणी से पहले दीप प्रज्जवलित कर गणेश वंदना की गई. प्रदीप संथालिया का परिवार, आयोजक कर्ता एवं विशिष्ठ अतिथियों ने गुरूजी का फूल माला से अभिनंदन कर उनका आशीर्वाद लिया.

इससे पुर्व प्रसिद्ध उद्योगपति सह आयोजक प्रदीप संथालिया ने उपस्थित लोगो को सम्बोधित किया और गुरूदेव के आशर्विाद का बखान किया थोड़े देर के लिए वे भावूक हो उठे, अपने समबोधन में उन्होने गुरूदेव को भगवान का दर्जा दिया और कहा धनबाद वासीयो के लिए गौरव के क्षण है कि हम सभी को भगवान के दर्शन हो गये.

बीजेपी उपाध्यक्ष रघुवर दास ने भी लोगो को सम्बोधित किया और कहा पिछले दो वर्षो से लगातार गुरूदेव के सत्संग में भाग ले रहे है.

20 से अधिक भाषाओ के ज्ञाता विश्वसंत ब्रहम्र्षि श्री गुर्वानन्द स्वामी जी ने अपने आसन से उठ करीब दो घंटो तक खड़े होकर अपने ज्ञान गंगा वहां उपस्तिथ श्रधालुओं को डुबकी लगवाई. लोग एकाग्रचित होकर उनकी अमृत वचनों को सुन रहे थे.

गुरूजी ने जीवन आधारित बातो का ज्ञान देकर सभी को निहाल किया इन्होने प्रवचन देने के कर्म में लोगो से पुछा कि धर्म क्या है सभी ने इसका उत्तर भक्तों ने अपने-अपने अंदाज में दिया, तब गुरूदेव ने कहा कि जो व्यक्ति अपने मुल स्वभाव में जीता है वही उसका धर्म है, जो दुर स्वभाव में जिता है उसका वह अधर्म कहलाता है.

संसार को बदलने के लिए अपने सोच व विचार बदलने की जरूरत है सोच व विचार में बदलाव आयेगा एक अच्छे संसार का निर्माण होगा. व्यपार दिमाग से और श्रद्धा दिल से होनी चाहिए. संसार और धरती के जन्म को उन्होने अपने ही अंदाज से लोगो को समझाया तथा जीवन आधारित बातो से अवगत कराया.

प्रवचन के अंत में गुरूजी ने सभी को मूलमंत्र दिए और कहा इसे जीवन में धारण करने मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाएगा. सभा में उपस्तिथ सभी भक्तों को अपने बोले गए मन्त्रों को दिल पर हाथ रखकर दोहराने के लिए बोले. तथ्पशचात पति-पत्नी को भी एक दूसरे के हाथों में हाथ डालकर एक दूसरे को अपनी जिन्दगी का सर्वश्रेष्ठ पुरुष एवं महिला समझने को कहा.

वहां पर उपस्तिथ भक्तों के लिए प्रसाद की भी व्यवस्था थी. प्रवचन के अंत में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया और गुरूजी के आशीर्वाद से विभूषित होकर अपने घर के तरफ प्रस्थान किया.

शेष अगले दिन............

Web Title : BRHMARISHI GURUWANAND SWAMI JI AMRITWANI HELD IN DHANBAD