जिसे राम ने छोड़ दिया उसका तो डूबना निश्चित : ब्रह्मर्षि गुर्वानंद स्वामी

धनबाद : अमृतमहोत्सव में अमृत का रसपान कराने आए गुर्वानंद स्वामी ने रविवार को टाउन हॉल में श्रद्धालुओं से कहा कि जीवन में ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिससे भगवान उन्हें छोड़ दें. प्रभु जिसे छोड़ देंगे उसका डूबना निश्चित है. उन्होंने इस संबंध में कई कथा भी सुनाई.

जब लंका तक पहुंचने के लिए राम सेतु का निर्माण हो रहा था. वानर सेना समुद्र में पत्थर डाल रहे थे. उनकी हौसलाआफजायी के लिए श्रीराम ने भी एक पत्थर डाला. पत्थर डालते ही श्रीराम हतप्रभ हो गये. वानर सेना के पत्थर जहां तैर रहे थे, वहीं श्रीराम का पत्थर डूब गया.

श्रीराम बड़े ही चिंतित भाव से सोच रहे थे कि अगर किसी को यह पता चल गया कि मेरे द्वारा डाला गया पत्थर डूब गया, तो बड़ी दुष्प्रचार वाली बात होगी. आसपास किसी को न देख उन्हें थोड़ी राहत मिली, मगर पीछे मुड़ते ही देखा कि हनुमान खड़े हैं. श्रीराम ने पूछा, हनुमान तुमने कुछ देखा तो नहीं? हनुमान ने कहा, प्रभु मैंने सबकुछ देख लिया.

श्री राम चौंके और कहा कि किसी से कुछ कहोगे तो नहीं. हनुमान बोले, जो देखा वो जरूर बोलूंगा. श्रीराम बोले, तुम मेरे कैसे भक्त हो जो मेरा दुष्प्रचार करोगे. हनुमान बोले भक्त प्रभु की बातों को अपने रूप में बताते हैं, मैं भी वही करूंगा.

बातों-बातों में जब हनुमान पीछे मुड़े तो देखा कि पूरी वानर सेना ने पत्थर डूबते देख लिया है. हनुमान ने बानर सेना से पूछा, तुम लोगों ने क्या देखा, वो बोले श्रीराम के हाथ से डाला गया पत्थर डूबते देखा. हनुमान जी मुस्कुराए और बोले, राम नाम का पत्थर तैरता है, पर जिसे राम ने छोड़ दिया उसका तो डूबना निश्चित है. इस छोटी सी कहानी के माध्यम से भक्त और भगवान के रिश्ते महत्व बताया.

Web Title : BRHMARISHI GURUWANAND SWAMI JI AMRITWANI HELD IN DHANBAD