प्रतिभा के लिए राज्यपाल ने तीन दिव्यांग बच्चो को किया सम्मानित

झरिया : जीवन संस्थान में अपनी प्रतिभा से सभी का ध्यान आकृष्ट करने वाले तीन दिव्यांग बच्चो को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बच्चों की मेधा को सम्मान दिया है. कभी इन्हें नहीं पता कि इनके माता-पिता कौन हैं. आज इनकी प्रतिभा ने साबित कर दिया है की दिव्यांग बच्चे भी सामान्य बच्चो की तरह प्रतिभा के धनी है.

इन्हें मिला सम्मान

सुनीता कुमारी : सुनीता नौ बरस की मूक बधिर है. चार वर्ष की उम्र में इस बच्ची को धनबाद जिला बाल कल्याण समिति ने बस्ताकोला स्थित जीवन संस्थान को सौंपा गया. ताकि यहां वह पढ़कर समाज की मुख्य धारा से जुड़े.

पांच वर्ष में सुनीता की प्रतिभा दिखने लगी. सितंबर 2016 में रांची के राजभवन में झारखंड राज्य बाल कल्याण परिषद की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय दिव्यांगजन चित्रकला प्रतियोगिता में उसने पहला स्थान पाया.

निकिता कुमारी : इस लड़की की भी ऐसी ही कहानी है. इसे मां पिता का वात्सल्य भी नहीं पता. पूछे जाने पर इसकी आंखें भींग जातीं. धनबाद जिला बाल कल्याण विभाग ने निकिता को भी जीवन संस्था को 2011 में सौंपा था.

निकिता ने झारखंड बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय दिव्यांगजन चित्रकला प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया.

 बबलू कुमार : 12 बरस का है बबलू भी अनाथ है. बेशक बबलू मंद बुद्धि हैं पर, अपनी परिकल्पनाओं में रंगों के अद्वितीय संयोजन से यह जान भरता है.

बबलू ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में तीसरा स्थान पाया. इसे भी बाल कल्याण परिषद ने ही जीवन संस्थान में भेजा था.

 जीवन संस्थान को निश्शक्त, मंद बुद्धि, मूक बधिर बच्चों की सेवा के लिए सम्मान भी मिल चुका है.

 

Web Title : GOVERNOR HONORED THREE CHILDREN FOR TALENT DIVYANGA