झारखण्ड में बिहार मॉडल न सही, गुजरात मॉडल लागू करें सरकार : नितीश कुमार

धनबाद : बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज कहा कि झारखण्ड की रघुवर सरकार राज्य में बिहार मॉडल न सही परंतु गुजरात मॉडल को लागू कर पूर्ण शराब बंदी कर सकता है. बिहार ने शराब बंदी की घोषणा करके राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है.

नीतीश कुमार ने कहा कि झारखण्ड के दिशोम गुरु शिबु सोरेन ने टुण्डी से शराब बंदी का अभियान चलाया था. जब झारखण्ड और बिहार भाई है तो झारखण्ड में शराब बंदी क्यों लागू नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि झारखण्ड, बिहार या गुजरात की बात नहीं है, शराब बंदी राष्ट्रपिता का सपना था और सभी धर्म भी यही कहते हैं कि शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.


कहा कि शराब पीना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है. जब बिहार में इस पर रोक लगाई गई तब कई लोग उच्चतम न्यायालय की शरण में भी गए थे. कहा कि बिहार में शराब पाबंदी के आदेश पर कड़ाई से पालन हो रहा है. सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए विशेष दस्ता तथा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.

जनता अब सरकार को सहयोग भी कर रही है. परिणामस्वरूप जनता की सूचना पर एमब्युलेंस, होटल, रेल आदि से शराब को जब्त किया गया है. सरकार ने इसके खिलाफ कड़ा कानून भी बनाया है. जिसमें दस वर्ष की कैद से लेकर मृत्युदंड तक का प्रवाधान है. उन्होंने कहा कि अब सरकार के कदम पीछे नहीं हटेंगे. महिला की शक्ति जागी है. महिला का नैतिक समर्थन करेंगे.

नीतीश कुमार आज नारी संघर्ष मोर्चा, झारखण्ड द्वारा आयोजित बिहार की तरह झारखण्ड में भी पूर्ण शराबबंदी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. उन्होंने नारी संघर्ष मोर्चा को बधाई देते हुए कहा कि मोर्चा की सदस्यों ने एक क्रांतिकारी और साहसिक कदम उठाया है.

मोर्चा का निर्णय कि जब तक झारखण्ड में पूर्ण शराबबंदी नहीं होगी तब तक उनका संधर्ष जारी रहेगा, यह समाज के लिए बहुत बड़ा संदेश है. नीतीश कुमार ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि बिहार में शराब के कारण महिलाओं की स्थिति बहुत ही दयनीय थी. इसके कारण आए दिन उनके घर में क्लेश होता था.

कमाई की सर्वाधिक रकम शराब के सेवन में चली जाती थी. बच्चे शिक्षा और रोटी के लिए तरस जाते थे. कितनी युवा महिला विधवा होती थी. लेकिन जब से बिहार में शराबबंदी की घोषणा की गई है तब से वहां का माहौल खुशनुमा होने लगा है. उन्होंने कहा कि चारों तरफ खुशी का माहौल है. घरेलू हिंसा में कमी आई है.

शराब का पैसा अब अच्छे काम में खर्च हो रहा है. इससे व्यापार बढ़ेगा. टैक्स से सरकार को अमदनी होगी. सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद स्थापित हुई है. लोगों का व्यवहार बदला है. गंभीर अपराध, दुर्घटना घट गई है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण आज बिहार को राजस्व का नुकसान हुआ है लेकिन आने वाले दिनों में इसका लाभ मिलेगा.

नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में शराबबंदी के लिए महिलाओं ने बहुत सक्रिय भूमिका अदा की है. बताया कि 9 जुलाई 2015 को ग्राम वार्ता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इसी कार्यक्रम में महिलाओं ने शराबबंदी के नारे लगाए. बताया कि 20 नवंबर को बिहार के सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद 26 नवंबर को घोषणा की कि बिहार में शराब पर पाबंदी लगाई जाएगी और इस दिन को मद्य निषेध दिवस घोषित किया गया.

इसमें बच्चों ने भी अपनी सहभागिता निभाई. बच्चों ने पेंटिंग के माध्यम से लोगों को जागरुक करने का काम किया. इस काम में शिक्षक, महिला सहायता समूह, स्कूली बच्चे आदि को शामिल किया गया. स्कूली बच्चे अपने अभिभावक से लिखवाने लगे कि शराब नहीं पीयेंगे. 9 लाख स्थानों पर नारे लगाए गए. करोड़ों लोगों को शराब नहीं पीने की शपथ दिलाई गई. शराब नहीं पीने के लिए गीतों की रचना की गई. नीतीश कुमार ने बताया कि इतना करते हुए शराब के विरोध में वातावरण बनने लगा.

नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में शराबबंदी के बाद उन्होंने सीमावर्ती राज्य झारखण्ड, पश्चिम बंगाल तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से भी सहयोग करने की अपील की है.

कार्यक्रम में झारखण्ड के पूर्व सीएम बाबुलाल मरांडी ने कहा कि बिहार ने शराबबंदी को लागू करके देश को नई दिशा देने का काम किया है. कहा कि झारखण्ड सरकार को भी राज्य में शराब बंद करनी होगी. शराब के कारण पैसा और पुरखों की जायदाद बेचकर शराबी शराब का सेवन करते हैं. कहा कि इसके लिए आंदोलन करने की जरूरत होगी तो वह भी किया जाएगा.

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह झारखण्ड सरकार के पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो ने कहा कि महिलाओं का शराब विरोधी आंदोलन अब पीछड़ नहीं सकता. महिलाओं का आंदोलन झारखण्ड सरकार को झुका देगी और यहां भी बिहार की तरह पूर्ण शराबबंदी होगी.

इससे पूर्व नारी संघर्ष मोर्चा की अध्यक्ष चंदला देवी, रीना देवी, प्रियंका देवी, शहिना परविन, साथी बिश्वास, मौसमी देवी, ललिता देवी, पिंकी देवी, गोविंदपुर भितिया की मुखिया शबना बीबी, राजगंज पंचायत की मुखिया गौरी देवी ने भी शराब के कारण समाज में होने वाले दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला और अपने कड़वे अनुभव साझा किए. कार्यक्रम में धनबाद, दुमका, गिरिडीह, बोकारो अदि जिलों से हजारों की संख्या में महिलाएं उपस्थित थी.

Web Title : NITISH KUMAR VISITED DHANBAD FOR TEMPERANCE