धनबाद : भारत में कोयला आधारित गैस उद्योग की चुनौतियां एवं विकल्प विषय पर सिंफर में संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर से आये दर्जनों वैज्ञानिकों ने तेरह अलग-अलग विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए.
संगोष्ठी में शोध पत्र के माध्यम से कोयला आधारित गैस उद्योग की चुनौतियों एवं उसके विकल्प पर चर्चा की गयी.
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के आइएसएम के निदेशक डीसी पाणिग्रही व विशिष्ट अतिथि एनटीपीसी के निदेशक तकनीकी एके झा थे.
संगोष्ठी में कोयला उद्योग में मौजूद गैस का उपयोग किस तरह किया जाए इस पर विशेषज्ञों ने चर्चा की.
कोयला में विद्यमान गैस स्वच्छ गैस के रुप में जाना जाता है, इस गैस की उपयोगिता पर चर्चा की गई.
विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में पाया जाने वाला कोयला विदेशों की तरह नहीं है.
यहां के कोयले में राख की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण तकनीकी बाधाएं उत्पन्न होती है.
विशेषज्ञों ने कोयले का उपयोग गैसीय रुप में किए जाने से कार्बन डायआॅक्साइड का उत्सर्जन भी कम होने की बात कही.
झरिया में मिथेन गैस प्रचुर मात्रा में होने के कारण उसका उपयोग कोयले के विकल्प के रुप में किए जाने के बारे में संगोष्ठी में बताया गया.