विश्वविद्यालय ने रद्दीयों में बेच दिए छात्रों के कई प्रमाण पत्र

धनबाद : विनोबाभावे विश्वविद्यालय प्रबंधन ने स्नातक के कई विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र रद्दी में बेच दिए. इनमें साल 2015 में ली गई परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं भी शामिल हैं. 21 दिसंबर की शाम हजारीबाग में संत कोलंबाज कॉलेज के विद्यार्थियों को रद्दी के बोरे में बेचे गए कई प्रमाण पत्र मिले.

बोरे में जैक और सीबीएसई से जारी माइग्रेशन सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और अंक पत्र भी थे. ये दस्तावेज विद्यार्थियों ने यूजी में दाखिला लेते समय कॉलेज में जमा कराए थे. कॉलेजों से उन्हें विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रेशन के लिए भेज दिया गया था. नियमानुसार, ऐसे दस्तावेज पुराने हो जाने पर कैंसल करते हुए बेचे जा सकते हैं.

हालांकि इस मामले में उन्हें कैंसल नहीं किया गया था. विश्वविद्यालय से मिली सूचना के मुताबिक, करीब 20 टन रद्दी बेचा गया है. इसका टेंडर एक माह पहले किया गया था. 21 दिसंबर की शाम मजदूर रद्दी को संत कोलंबाज कॉलेज के पास छोटे वाहन से उठाकर लॉरी पर लोड कर रहे थे. उसी बीच छात्रों की नजर दस्तावेजों पर पड़ी.

कुलपति से जांच की मांग

एनएसयूआईके हजारीबाग जिलाध्यक्ष प्रकाश यादव ने वीसी डॉ. गुरदीप सिंह को आवेदन देकर मामले की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. उनका कहना है कि जिन प्रमाण पत्रों को बेच दिया गया है, उनकी जरूरत किसी तरह की जांच में पड़ सकती है. अब वैसी जांच संभव नहीं होगी. प्रमाण पत्रों को कुछ वर्षों तक तो सुरक्षित रखा ही जाना चाहिए.

इस बारे में परीक्षा नियंत्रक डॉ अजय शर्मा का कहना है कि विश्वविद्यालय में पुरानी उत्तर पुस्तिकाओं को रखने की पर्याप्त जगह नहीं है. इसलिए साल 2015 तक की उत्तर पुस्तिकाओं को बेचने का निर्णय लिया गया था. कापियों को परीक्षा की तिथि से तीन साल तक सुरक्षित रखने जैसा कोई नियम नहीं है. स्क्रूटनी के बाद उन्हें हटाया जा सकता है. विद्यार्थियों से लिए गए प्रमाण पत्रों को भी कैंसल कर रद्दी में बेचा जा सकता है. विवि प्रशासन ने सभी प्रमाण पत्रों को कैंसल करने के बाद ही बेचा है.

Web Title : UNIVERSITY SOLD MANY CERTIFICATES OF STUDENTS AS SPOILAGE