दाग ने कचड़ा निष्पादन पर किया सर्वे

धनबाद : पुराना बाजार पानी टंकी क्षेत्र में कचड़ा निष्पादन पर दाग ने सर्वे किया गया.

सर्वे में 6 प्रश्न पूछे गए थे. प्राप्त आंकड़े से यह साफ जाहिर हो गया कि कचड़ा निष्पादन के मामले में धनबाद निम्न है.

ज्यादातर कचड़ा शहरी रिहायशी इलाके में ही फेंका जाता है, जिसके कारण पर्यावरण और स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न होती है.

90 प्रतिशत दूकानदारों ने डस्ट बिन का इस्तेमाल नहीं करने की बात कही.

95 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सड़क के आस—पास कूड़ा फेंकने के लिए बाध्य हैं.

80 प्रतिशत लोगों को यह पता नहीं है कि कचड़ा उठाने वाली संस्थाएं कहां कचड़ा फेंकता है.

केवल 5 प्रतिशत लोग ही साफ—सफाई के लिए जागरूक हैं. 100 प्रतिशत लोग मौजूदा सफाई व्यवस्था से नाराज हैं.

10 प्रतिशत लोगों को ही पता है कि घरेलू व कार्यालय के कचड़े को अलग फेंका जाना चाहिए.

सर्वे दाग की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. लीना सिंह तथा पूणे से आए हर्ष प्रताप व ऋषभ मनस्वी के नेतृत्व में किया गया.

संस्था ने 20 डस्टबिन स्ट्रीट वेन्डरी निष्पादन के लिए प्राप्त किया.

संस्था के अध्यक्ष अजय लाल, सचिव रमेश गांधी व प्रवक्ता अजीत कुमार ने झारखण्ड की नयी सरकार से धनबाद वर्षों से लम्बित कचड़ा निष्पादन योजना शीघ्र शुरू करने की मांग की.

संस्था के संयोजक डॉ. एनके सिंह ने इस विषय पर जन जागरूकता जगाने की बात कही.

संयोजक ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू रिन्यूवल मिशन के तहत 2011 में करीब 55 करोड़ रुपये दिए गए थे.

शहर से निष्पादित प्रति माह 452 मिट्रिक टन कचड़े को घनुडीह, धनसार व जोगता में फेंके जाने की योजना थी.

यह योजना अबतक अधर में लटका हुआ है. 

योजना पूरा नहीं किये जाने पर पीआइएल दायर किया जाएगा.

मौके पर संस्था के भगवान, मिहिर, विजय, धीरज, रवि श्रीवास्तव, शकील, मो. सोहराब, राजू ओझा, खुर्शीद जमाल, रोहित सरावगी, इसरारुल हक, सतपाल सिंह ब्रोका मौजूद थे

Web Title : DAG SURVEYED ON THE WASTE DISPOSAL