बौद्ध अनुयायियों ने मनाया धम्म प्रवर्तन दिवस
By Salman Qureshi
in City, News-Politics on Tuesday, October 14, 2014
लालबर्रा : नगर में बौद्ध अनुयायियों द्वारा 58 वां धम्म प्रवर्तन दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया. बौद्ध संघ के तत्वाधान में आयोजित धम्म प्रवर्तन दिवस पर बौद्ध अनुयायियों ने नगर के बस स्टैन्ड में स्थित भारत रत्न डॉ. भीमराव आम्बेडकर प्रतिमा पर बौद्ध अनुयायियों ने बाबा की प्रतिमा की पूजा अर्चना कर उन्हें नमन किया गया. 14 अक्टूबर को 58 वें धम्म प्रवर्तन दिवस पर प्रातः 8.30 बजे लालबर्रा बौद्ध संघ अध्यक्ष श्रीनिवास बारमाटे द्वारा डॉ. बाबा साहब के प्रतिमा के समीप दीप प्रज्जवलित व पूजन अर्चन कर उपस्थित बौद्ध उपासक-उपासिकाओं के द्वारा माल्यार्पण किया गया.
तत्पश्चात त्रिशरण पंचशील पढ़कर वंदना की गई एवं बाबा साहब के बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बौद्ध संघ सदस्य ताराचंद कावड़े ने कहा कि इस देश में 1956 के पूर्व असमानता के कारण सामाजिक प्राणी सहित सभी वर्गों को अनेक यातनों का सामना करना पड़ता था. जिसके बाद डॉ. बाबा साहब ने समता, बंधुत्व, स्वतंत्रता, न्याय की गरिमा को बनाये रखने के लिए 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर की दीक्षा भूमि में 10 लाख बौद्ध अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली और सभी को छूआछूत की भावना से दूर किया है. उन्होंने धम्म प्रवर्तन दिवस के अवसर पर उपस्थित बौद्ध उपासक, उपासिकाओं से कहा कि वे बौद्ध धर्म की दीक्षा देने के लिए प्रचार-प्रसार करें.
तहसील अध्यक्ष श्रीनिवास बारमाटे ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बौद्ध धम्म चक्र का अर्थ है विजयादशमी. इसलिए सभी बौद्ध उपासक व उपासिकाओें को बाबा के बताये मार्ग पर चलकर सभी वर्गों के हित में कार्य करना चाहिए. ताकि एक अच्छे समाज का निर्माण हो. इस अवसर पर नरेन्द्र मेश्राम, के.क.े डोंगरे, राजकुमार मेश्राम, दिनेश रंगारे, बी.आर. डोंगरे, एच.सी. गजबिये, कला चौरे, अनंतराम चौरे, राजेश चौरे, अनिल श्यामकुंवर, अनिल डोंगरे एवं देवानंद बोरकर सहित अन्य बौद्ध उपासक व उपासिकाएं उपस्थित रहे.