बालाघाट: नगर के संस्कृति धर्मी, रंगकर्मियों, संगीतज्ञों, साहित्यकारों और पत्रकारों ने संयुक्त रूप से जितेन्द्र पाठक (झुन्नु भैया) को सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया. इस अवसर पर साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्था नाट्यकला परिषद के संरक्षक, साहित्यकार पं. सुधाकर शर्मा ने जितेन्द्र पाठक के बहुमुखी व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जितेन्द्र पाठक साहित्य, कला और संस्कृति की जितनी गहन और बारीक समझ रखते है वह अन्यत्र दुर्लभ है. कवियों को विषय सुझाना, उनकी रचनाओं को सुनकर समुचित परामर्श देना और गीत-संगीत पर समीक्षात्मक टिप्पणी करना जितेन्द्र पाठक की सांस्कृतिक सूझबूझ को रेखाकिंत करता है.
साहित्यकार श्री शर्मा ने यह भी कहा कि जितेन्द्र पाठक अध्यात्मिक उर्जा से ओतप्रोत हैं. जहां विज्ञान की अनुसंधानात्मक तकनीकि कार्य नहीं कर पाती वहां भी जितेन्द्र पाठक अपनी अध्यात्मिक उर्जा के प्रयोग से हाथ में मात्र एक श्रीफल लेकर इस बात का पता कर लेते है कि धरती के गर्भ में कहां जल का अजश्र श्रोत है? आर्केस्ट्रा प्रेमियों में अपनी गहरी पैठ बना चुके गायक-वादक एवं कुशल मंच संचालक सुशील शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि जितेन्द्र पाठक जितनी प्रतिभा किसी अन्य में होती तो वह इसका व्यवसायिक लाभ उठाता परंतु जितेन्द्र पाठक ने जिस सेवाभाव से रसिक पाठको, लेखकों, श्रोताओं, अध्यात्मिक पिपासुओं तथा जलस्त्रोत लाभार्थियों को उदारतापूर्वक संतुष्टी प्रदान की है वह अभिनंदनीय है. जितेन्द्र पाठक का अभिनंदन कर हम सभी स्वयं को अभिनंदित अनुभव कर रहे है.
इस अवसर पर उपस्थित पत्रकार रूपेश श्रीवास्तव, दीपक महाजन, जनाब शरीफ, अधिवक्ता प्रशांत गोस्वामी, गायक चीनु जैन, संगीत निर्देशक सुधीर तिवारी, तबला वादक मनोज त्रिपाठी, कवि ब्रजेश हजारी, रासिक हसन, दीपक सोनी, गणेश दियेवार, किशन जयभोले, शेख मज़ीम, आनंद दुबे, हरिशंकर सेल, टोलु भगत सहित अन्य लोगो ने जितेन्द्र पाठक के अभिनंदन की संस्तुति कर धन्यवाद ज्ञापित किया.