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बिना प्राचार्य का महाविद्यालय!

बिना प्राचार्य का महाविद्यालय!

कटंगी : क्षेत्र के उच्च शैक्षणिक संस्थान शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविघालय में बीते 8 वर्ष से जिम्मेदार प्राचार्य का पद रिक्त पड़ा है इस पद पर वर्ष 2006 से अलग-अलग प्रभारी प्राध्यापक प्राचार्य का कामकाज संभाले हुए है. वर्तमान में श्रीमती कुसुमलता उइके इस पद पर काबिज है. जिनके जिम्मे एक साथ कई काम होने के कारण वह मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान है परंतु शायद इस बात से उच्च शिक्षा विभाग को कोई सरोकार नहीं है.

चौंकानेवाली बात तो यह है कि महाविघालय में 11 सहायक प्राध्यापकों के पद भी खाली पड़े है और मात्र दो शासकीय प्राध्यापको के हाथों नौ सौ विद्यार्थियों के महाविघालय की कमान है. यह सब महाविघालय की व्यवस्था बताने के लिए काफी है फिलहाल इस समय अतिथियों की बदौलत पूरे महाविद्यालय की पढ़ाई संचालित हो रही है. शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविघालय में समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र, हिन्दी साहित्य, भूगोल, वाणिज्य, गणित, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जन्तु विज्ञान, वनस्पति शास्त्र विषय के सरकारी प्राध्यापकों की कमी बनी हुई है सूत्रों की माने तो प्राध्यापकों की इस समस्या को दूर करने के लिए कई बार उच्च शिक्षा विभाग से पत्र व्यवहार तथा वार्ताएं हो चुकी है किन्तु जानकार भी अनदेखी की जा रही है जिसका खामियाजा विधार्थियों को भुगतना पड़ रहा है.

नये सत्र में तकरीबन दो माह बाद अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति होने से महाविद्यालय की पढ़ाई पर इसका असर पड़ा है. महाविघालय में वर्ष 2006 से प्राचार्य का पद रिक्त है और बीते 24 सालों से महाविघालय में सरकारी क्रीड़ा अधिकारी और ग्रंथपाल की नियुक्ति नही हुई है. वर्ष 2007 से मुख्य लिपिक, वर्ष 2010 और 2013 से सहायक ग्रेड, वर्ष 2012 से प्रयोगशाला तकनीशियन, बुक लिप्टर एवं वर्ष 2006 से स्वीपर जैसे सभी सरकारी पद रिक्त पड़े है. जिसके लिए समय-समय पर महाविद्यालय की तमाम समस्याओ को लेकर क्षेत्रीय तथा जिला स्तरीय नेता एवं उनके प्रतिनिधि कटंगी महाविद्यालय की समस्याओं को लेकर आंदोलन कर चुके है लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के सामने लगता है नेताओं की भी नही चलती. जैसा कि बताया जाता है कि वह उच्च शिक्षा विभाग दो टूक शब्दों में नेताओ को यह कहकर ठंडा कर देते है कि पूरे प्रदेश में ही सरकारी प्राध्यापको की कमी चल रही है. ऐसे में कटंगी महाविद्यालय में ही सारे सरकारी पद कैसे भरे जाए. वहीं यह भी देखने आ रहा है कि महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के कागजी घोड़े भी नहीं चल पा रहे है.

अनुविभाग क्षेत्र कटंगी की तहसील तिरोड़ी में इसी सत्र से राजनीतिक दखल के चलते महाविद्यालय प्रारंभ किया गया है लेकिन यहां पर महाविद्यालय के लिए आवश्यक सुविधाओ पर कोई ध्यान नही दिये जाने के कारण महाविद्यालय के प्रारंभ होते है विवादो में घिर गया है. बीते दिनों सामाजिक कार्यकर्ता नरेश चंद्रवंशी के नेतृत्व में महाविघालय के छात्र, छात्राओ ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा था. फिलहाल यहां पर एक मात्र शासकीय प्राध्यापक प्रभारी प्राचार्य के रूप में सेवाएं दे रहे है.


इनका कहना है
मेरे द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को यहा की मौजूदा स्थिति से अवगत करा दिया गया है. वहां से ही कोई निर्णय आने पर हालत सुधरेगी. फिलहाल अतिथियों की नियुक्ति हुई है पढ़ाई प्रारंभ है.
श्रीमति कुसुमलता उइके, प्रभारी प्राचार्य
शास.कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय

Web Title : THE COLLEGE PRINCIPAL WITHOUT!

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