सफलता के लिए अपनाये ये अच्छी आदतें

जीवन में सफल होने के लिए कुछ अच्छी आदते  

कहा जाता है की हम जो इंसान के रूप में ये जिन्दगी पाते है वो हमारे कई जन्मो के अच्छे कर्मो का फल होता है.. . जिससे हम इन्सान के  रूप में जन्म लेते है.. . . . लेकिन इंसान के रूप में जन्म लेने के बाद  हम सब कुछ भूल जाते हैं की आखिर इस पृथ्वी पर आने का हमारा उद्देश्य क्या है. . . और अपनी जिंदगी युही बिना किसी अच्छे कर्म के गवा देते है

पर अगर हम इस जिन्दगी को सार्थक बनाना चाहते है तो हमे इस जिन्दगी में इतने अच्छे कर्म करने चाहिए की हमारे जाने के बाद भी लोग हमे याद करे और जब भी किसी अच्छाई का जिक्र हो तो हमारा नाम भी लिया जाय हमे ऐसी जिन्दगी जीने का प्रयाश करना चाहिए

तो क्यू न हम सभी ऐसी ही अच्छी आदतें  अपने जिन्दगी में शामिल कर ले जिससे हमारा जीवन और सुन्दर हो जाए और हम एक अच्छे इन्सान के रूप में समाज में सिर उठाकर रह सके.. . .  

आईये जानते है कुछ ऐसी ही अच्छी आदते जो हमारी जिन्दगी की सोच को बदल दे

अपनी  जिन्दगी  को  सफल बनाने के लिए हमे इन अच्छी आदतों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए –

1- मदद की भावना 

हमे अपनी लाइफ  में लोगो के प्रति अपने मन में मदद  का भाव रखना चाहिए.. . अब लोग सोचते है की हम क्यू दुसरो की मदद करे.. . जरा सोचिये  अगर सब यही  सोचने लगे तो जब  आपको किसी चीज की शख्त जरूरत हो और  कोई आपकी मदद  न करे तब  उस समय आपको  कैसा आभास  होगा

इसलिए अगर “कुछ पाना है तो पहले देना सीखना चाहिए”

शायद कोई भी नही चाहेगा की लोग हमारी मदद न करे क्यूँकि आवश्यकता हर इन्सान की जरूरत होती है और क्या पता कब किसको कहा दुसरो के मदद की जरूरत आन पड़े.. . तो यदि हमे किसी भी चीज को पाना है तो सबसे पहले मदद की भावना भी रखनी चाहिए

2- हमेशा सच बोलना–

बड़े से बड़े महापुरुष को हम सभी देखे तो वे अपने जीवन में हमेशा सत्य के रास्ते पर ही चले और जीवन भर सच्चाई को अपने पास रखे, सत्य बोलना महापुरूषों की निशानी है तो हमे भी हमेशा सत्य की राह का अनुसरण करना चाहिए

अक्सर लोगो के मुह से ये कहते हुए सुना जा सकता है की क्या करे यार काम को निकालने के लिए झूठ बोलना पड़ता है यही बात जब लोग कहते है तो वे अपने सत्य बोलने की क्षमता को सीधे तौर पर छुपाते है और ऐसा वे बार बार करते है क्यू की ये आदत उनके स्वाभाव में समा जाता है

“एक बार सत्य बोलना हजार झूठ बोलने से कही बेहतर है”

और लेकिन जब हम सत्य बोलकर किसी काम को करते है तो हमे सिर्फ एक बार ही सत्य कहने के लिए हिम्मत जुटानी पड़ती है और बार बार झूठ बोलने से बच जाते है

3- त्याग की भावना 

यदि देखा जाय तो आजकल अक्सर अपने ही परिवार के लोग छोटी छोटी बातो पर जैसे जमीन विवाद या पैसे, धन के बटवारे को लेकर आपस में कलह जरुर होता है और ऐसा इसलिए होता है की जब सभी केवल अपने हितो को ध्यान में रखते है तो उन्हें फिर दुसरो की परवाह खत्म हो जाती है और यही किसी भी परिवार में कलह का कारण बनती है

लेकिन जब माँ बाप अपने एक साथ अपने सारे बच्चो का पालन पोषण करते है तो कभी भी उन बच्चो में कलह नही होता है और यदि होता भी है तो माँ बाप अपने हिस्से का भी अपने बच्चो को देने के लिए तैयार रहते है जिससे उनका परिवार हसी ख़ुशी जीवन व्यतीत करता है

“त्याग महापुरुषों की निशानी है”

तो क्या हम सभी अपनो की ख़ुशी के लिए एक छोटी सी त्याग नही कर सकते क्या, यदि हां तो निश्चित ही अपने दूर होने भी वाला भी हमे अपना सकता है इसलिए अपने मन में त्याग की भावना जरुर रखनी चाहिए

4-सदा बडो के आशीर्वाद में रहना

आशीर्वाद एक ऐसी चीज है जब किसी को अपने से बडो का आशीर्वाद मिलता है तो निश्चित ही सफलता उनके कदम चूमती है यानी आज के इस भागमभाग भरी जिन्दगी में लोगो के पास अपने से बड़े बूढ़े माँ बाप के लिए समय ही नही बचा जिससे उनकी बुढ़ापे में सेवा कर उनका आशीर्वाद ले सके

“बडो का आशीर्वाद जीवन में उर्जा का संचार करती है”

लेकिन जब कोई अपने से बडो का Respect करता है और उनके आशीर्वाद का लाभ लेता है तो निश्चित ही यदि उसके जीवन में अड़चन आती है तो यही आशीर्वाद उनके लिए Energy का कार्य करते है जो आगे बढने के लिए प्रेरित करते है

इसलिए हमे जब भी मौका मिले हमे अपने बूढ़े माँ बाप की सेवा जरुर करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद हमेशा लेना चाहिए

5- मित्रवत व्यवहार 

हमारे जीवन में मित्रता के रिश्ते बहुत ही खास होते है क्यू की जब किसी को हम अपना मित्र बनाते है तो हमारे सुख दुःख भी अपने मित्र के साथ जुड़ जाते है इसलिए हमें लोगो के साथ हमेसा मित्रवत व्यव्हार रखना चाहिए क्यू की जब हम किसी को अपना मित्र मानते है तो हम उसका कभी अहित नही करना चाहते,

“एक सच्चा मित्र होना हजार लोगो के होने के बराबर है”        

इसलिए जब हम किसी के साथ रहे उसके साथ दोस्ती का भाव रखे और और उसके सुखदुख में हमेसा काम आये तो निश्चित ही हमारे साथ भी लोग अच्छे और मित्रता का भाव रखेगे

6- बदले की भावना से मुक्त हो 

अक्सर देखा जाता है की जब लोग थोडा सा भी हमारे साथ गलत व्यव्हार से पेश आते है तो हम उन्हें उनकी गलतियों को माफ़ करने के बजाय उनसे बदला लेने की भावना से भर जाते है और यही बदले की भावना आगे चलकर हमारी जिन्दगी का हिस्सा बन जाती है छोटी से छोटी बात पर हमे लोगो पर गुस्सा आने लगता है

इसलिए हम यदि अपने गुस्से पर कण्ट्रोल करना सिख ले तो निश्चित ही बड़े से बड़े तनाव से आसानी से मुक्त हो सकते है

“गुस्सा और क्रोध मानव अक्ल को खा जाता है”

जैसा की कहा भी गया है जिसने अपने गुस्से पर काबू पा लिया उसने तो दुनिया के आधे लोगो का ऐसे ही दिल जीत लिया

7- सामाजिक भावना का विस्तार करना 

अक्सर हम लोगो के साथ ऐसा भी होता है जब कभी हमारे गली मुहल्ले नगर गाव आदि में कुछ सामाजिक कार्य भी होते है जैसे की पेड़ लगाना, सफाई करना, लोगो को किसी के प्रति जागरूक करना या कभी आपदा जैसी स्थिति हो तो भी हमे मिल जुलकर इसमें सहयोग करना चाहिए क्यू की इससे हमे हमारे अच्छे गुणों का पूरे समाज को पता चलता है और हम सभी लोगो के बीच में एक अच्छे नागरिक बनकर अपनी उपयोगिता साबित कर सकते है

क्यू की सिर्फ अपने मतलब और अपने काम में तो जानवर भी बिजी रहते है लेकिन जब लोग दुसरो के सहयोग में काम आये यही मानव जीवन और एक पशु में विशेष अंतर है

“समाज में रहकर सामाजिक कार्यो में भाग लेना इंसान होने का परिचायक है”

इसलिए हमे जब भी सामाजिक कार्यो में सहयोग करने का मौका मिले हमे तुरन्त बिना किसी बेहिचक के अपना श्रेष्ट देना चाहिए यही एक अच्छे नागरिक की पहचान है




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