नवाबों का शहर लखनऊ दुनियाभर के सैलानियों के लिए एक पॉपुलर डेस्टिनेशन है. यह शहर अपनी नवाबी शान के साथ-साथ बड़े-बड़े मकबरों और खान-पान के लिए फेमस है. लखनऊ के बागीचों में बैठकर परिवार के साथ वक्त गुजारना और यहां के मशहूर टुंडे कबाब खाना एक बेहतरीन एक्सपीरियंस है. इतिहास प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है. अगर आप यहां का बड़ा ईमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, ब्रिटिश रेजिडेंसी, रूमी दरवाजा, चिड़ियाघर, डॉ. अंबेडकर पार्क, मोती महल, दिलकुशा कोठी, चौक, जनेश्वर मिश्रा पार्क, हुसैनाबाद क्लॉक टावर, नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन, चंद्रिका देवी टेंपल जैसे डेस्टिनेशन्स विजिट कर चुकी हैं तो भी इस शहर से कुछ ही दूरी पर आकर्षक डेस्टिनेशन्स हैं, जिन्हें जहां आप घूमने का मजा उठा सकती हैं. ऐसे ही 5 डेस्टिनेशन्स के बारे में आइए जानते हैं, जो लखनऊ से 400 किलोमीटर की रेंज में हैं.
प्रयाग
लखनऊ से प्रयाग की दूरी 200 किलोमीटर की है. गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम वाली यह पावन नगरी अपने खूबूसरत घाटों के साथ-साथ कई ऐतिहासिक स्थलों के लिए मशहूर है. यहां आप इलाहाबाद म्यूजियम, इलाहाबाद फोर्ट, आनंद भवन, खुसरो बाग, हनुमान मंदिर की सैर करने जा सकती हैं. किवदंतियों के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने परीक्षित यज्ञ के लिए ये स्थान चुना था. माना जाता है कि गंगा-जमुना-सरस्वती के संगम वाले पानी में डुबकी लगाने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. यहां हर 12वें साल कुंभ मेले का भी आयोजन होता है. प्रयाग की लखनऊ से दूरी 200 किमी है.
दुधवा नेशनल पार्क
अगर आप नेचर लवर हैं तो आप इंडो नेपाल बॉर्डर के तराई क्षेत्र में स्थित दुधवा नेशनल पार्क में जा सकती हैं. यहां सबसे पहले हिरणों के लिए वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी बनाई गई थी. बाद में इसे नेशनल पार्क घोषित किया गया और 1988 में इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया. इस नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों और वनस्पतियों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं. इनमें तेंदुआ, स्वेंप डियर जैसे कई दुर्लभ प्रजाति के प्राणी भी शामिल हैं. साथ ही यहां 400 से ज्यादा प्रजाति की चिड़ियां भी देखने को मिलती हैं. लखनऊ से दुधवा नेशनल पार्क की दूरी 222 किमी है.
चित्रकूट
प्राचीन मंदिरों, वॉटर फॉल्स और हरे-भरे जंगलों से सजा चित्रकूट सैलानियों को काफी आकर्षित करता है. माना जाता है कि रामचंद्र अपने 14 वर्ष के वनवास काल के दौरान 11 साल चित्रकूट के वनों में ही ठहरे थे. माना जाता है कि यहीं के जंगलों में राम को अपने भाई भरत मिले थे और उन्होंने अपने बड़े भाई से अयोध्या वापस चलने का आग्रह किया था. चित्रकूट में कई ऐसे स्थान हैं, जिनका धार्मिक महत्व भी है. इनमें गणेश बाग, गुप्त गोदावरी, रामघाट, कदमगिरि और हनुमान धारा जैसे स्थान शामिल हैं. चित्रकूट से लखनऊ की दूरी 230 किमी है.
वाराणसी
वाराणसी हिंदुओं के सात सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है. यह शहर अपने मंदिरों और घाटों के साथ-साथ आर्कीटेक्चरल हैरिटेज के लिए भी प्रसिद्ध है. इस शहर में होने वाली गंगा आरती विश्व प्रसिद्ध है. साथ ही यहां का काशी विश्वनाथ मंदिर, ज्ञान वापी, दशाश्वमेध घाट और दुर्गा मंदिर भी विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं. वाराणसी से लखनऊ की दूरी 300 किमी है.
अयोध्या
सरयू नदी के तट पर स्थित अयोध्या भगवान राम की जन्म भूमि मानी जाती है. यह शहर अपने मंदिरों और घाटों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. इस शहर से कई तरह की किवदंतियां जुड़ी हुई हैं. हिंदुओं के पवित्र स्थल होने के साथ-साथ यह जैन श्रद्धालुओं के लिए भी परम आस्था का स्थान है. अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी, कनक भवन, त्रेता के ठाकुर जैसे स्थल विशेष रूप से दर्शनीय हैं. अयोध्या से लखनऊ की दूरी महज 136 किमी है.