नई दिल्ली : प्राचीन काल से सौंफ का प्रयोग जड़ी-बूटियों के रूप में किया जाता रहा है. सौंफ को पाचनशक्ति बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है. ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी बीमारियों में रामबाण की तरह काम करता है. मांसपेशियों को आराम देने के साथ ही ये गैस, सूजन और पेट में ऐंठन को कम करने में मदद करता है. सौंफ के बीज से बने टिंचर या चाय का पीने से इरिटेटिंग बाउल सिंड्रोम, अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रोहन जैसी बीमारियां तक आसानी से ठीक हो जाती हैं. इतना ही नहीं इसे खाने से शरीर के विषैलेतत्व भी बाहर निकल जाते हैं और इससे शरीर शुद्ध होता है. ये मानसिक ही नहीं शारीरिक दिक्कतों के लिए भी कारगर है. पेट को ठंडक प्रदान करने में भी ये बहुत कारगर है. खाना खाने के बाद हर दिन यदि 30 ग्राम सौंफ खाया जाए तो इससे कोलेस्ट्राल की समस्या दूर होती हैं.