नई दिल्ली: हमने कभी भी नहीं सोचा होगा कि मोबाइल में नाइट मोड खतरनाक हो सकता है. क्योंकि ये मोड मोबाइल फोन में पहले से मौजूद होता है इसीलिए हम बिना कुछ सोचे समझे ही फोन सेटिंग में रात के लिए नाइट मोड ऑन कर देते हैं. हल्के पीले कलर के स्क्रीन में रात को मोबाइल इस्तेमाल करते हुए भी हमे कोई परेशानी नहीं हुई. लेकिन एक ताजा रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि नाइट मोड आपके नींद के लिए घातक साबित हो सकता है. यही नहीं शोध में यह भी कहा गया है कि पीले कलर का स्क्रीन आंखो के लिए बहुत फायदेमंद भी नहीं है.
यूनिवर्सिटी ऑफ मेनचेस्टर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक उजले रंग या नीले रंग का स्क्रीन आंखो के लिए ज्यादा सामान्य है. चूहों पर किए गए शोध के मुताबिक नाइट मोड ऑन करने के बाद इन्हें अनिद्रा का शिकार पाया गया. यानि अगर आप रात को अंधेरे में नाइट मोड इस्तेमाल करते हैं तो उसके बाद नींद नहीं आने की संभावना ज्यादा है. इसके उलट सामान्य मोड के उजले स्क्रीन पर देखने के बावजूद सामान्य नींद आने की उम्मीद ज्यादा होती है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक आंख के भीतर एक फोटोसेंसेटिव प्रोटीन पिगमेंट होता है जिसे मेलानोप्सिन कहा जाता है. मोलानोप्सिन नीले और उजले रंगों के साथ बेहद सहयोगी होते हैं. यही वजह सुबह से शाम तक इस कलर को देखने से आंखो को कोई परेशानी नहीं होती. लेकिन पीला और कम रोशनी मेलानोप्सिन को परेशान कर देता है. इसकी वजह से आंखे विचलित हो जाती हैं और यही नींद नहीं आने का कारण बनती हैं.
हालांकि मानव से संबंधित बहुत सारे ऐसे शोध हैं जो मोबाइल और इंसान के बीच के संबंध को नहीं बता पाते हैं. लेकिन आंखों और उसके कुछ दूरी पर मोबाइल को लेकर ज्यादा शोध मौजूद नहीं हैं. अपने आप में अनोखे तरह के इस शोध ने पहली बार मोबाइल के किसी मोड और नींद के बीच नई खोज सामने रखी है.