Day-Night Test: कुछ अलग है नई गुलाबी गेंद, कोलकाता पिच क्यूरेट ने बताया ये खास अंतर

नई दिल्ली: कोलकाता में शुरू हो रहे भारत और बांग्लादेश  के बीच पहले डे-नाइट  टेस्ट में उपयोग में होने वाली गुलाबी गेंद  खूब चर्चा में चल रही है. इस गेंद को लेकर जहां एक ओर लोगों में उत्साह है तो वहीं कुछ आशंकाएं भी हैं जो इसको लेकर उठ रही हैं. इस गेंद के मिजाज के बारे में कुछ लोगों को लग रहा है कि यह स्विंग परंपरागत गेंदों के मुकाबले ज्यादा होगी, वहीं पिच के मुख्य क्यूरेटर सुजान मुखर्जी कुछ अलग ही राय रखते हैं.   

सुजान ने मैच से पहले गुलाबी गेंद के स्विंग और कोलकाता की इसके लिए तैयार की गई पिच के बारे में बात की. उनका मानना है कि एसजी गुलाबी गेंद में उतनी चमक नहीं होती जितनी कूकाबुरा गुलाबी गेंद में होती है. कूकराबूरा गुलाबी गेंद कैब सुपर लीग के फाइनल मैच में इस्तेमाल में लाई गई थी. जिसमें मोहम्मद शमी ने उस गुलाबी गेंद से विरोधी टीम की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी थी.  

सुजान ने कहा, मैं एसजी गुलाबी गेंद पहली बार देख रहा हूं. लेकिन जो मैने नेट पर देखा उसके अनुसार इस गुलाबी गेंद की चमक कूकाबूरा गुलाबी गेंद के मुकाबले कम मालूम पड़ती है. स्विंग बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिेए. हां यह जाहिर है कि मैच में हालात नेट्स से काफी अलग होंगे इसलिए हमें इंतजार करना होगा.

यह पूछे जाने पर कि दिन की रोशनी जाते समय (ट्विलाइट) क्या होगा, मुखर्जी ने कहा कि यह ईडन गार्डन जैसे मैदान के लिए मायने नहीं रखता क्योंकि यह समय मुश्किल से 15 मिनट का होता है. उन्होने कहा, यहां सूरज जल्दी डूब जाता है इसलिए ट्विलाइट केवल 15 मिनट का ही होता है. अगर आप मुझसे पूछें तो यह कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए.

इस मैच के लिए विराट कोहली ने मैच से एक दिन पहले ट्विलाइट के दौरान काफी अभ्यास किया. विराट ने बुधवार को कहा था कि गुलाबी गेंद से फिल्डिंग करना एक चुनौतीपूर्ण काम होगा. मैच पूर्व संध्या पर विराट ने कहा, गुलाबी गेंद के साथ फिल्डिंग का सत्र सबसे बड़ी चुनौती होगी. लोगों को इस बात से हैरानी हो सकती है कि गुलाबी गेंद से फील्डिंग करना कितना मुश्किल हो सकता है. गेंद बेशक भारी लग रही है. मुझे यकीन है कि वजन में तो अंतर नहीं होगा. लेकिन यह जरा भारी लग रही है.  

Web Title : DAY NIGHT TEST: SOMETHING DIFFERENT IS THE NEW PINK BALL, KOLKATA PITCH CURATED

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