साइबर अपराध के क्षेत्र में जामताड़ा इतना बदनाम हो चुका है कि अब यहां के स्कूली बच्चों पर भी निगरानी रखी जा रही है. करमाटांड़ के एक सरकारी प्लस टू स्कूल में पढ़ाई करनेवाले करीब 325 छात्रों के साइबर अपराध में संलिप्त होने की आशंका से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.
दरअसल कुछ दिनों पूर्व केरल की पुलिस ने शिक्षा विभाग से संपर्क कर बताया था कि साइबर ठगी में गिरफ्तार छात्र ने ठगी की घटना के समय स्कूल में बनी हाजिरी के आधार पर जमानत लेने की कोशिश की. इसके बाद एहतियातन शिक्षा विभाग की ओर से करमाटांड़ के इस स्कूल में सख्ती बढ़ा दी गई है. साथ ही विषयवार शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है. इसके अलावा जिला शिक्षा पदाधिकारी स्वयं भी लगातार स्कूल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. छात्रों को अपराध के दलदल से बचाने के लिए लगातार जागरुकता फैलाई जा रही है.
1795 छात्रों में से 325 छात्रों पर निगरानी
डीएसई डॉ गोपाल कृष्ण झा ने बताया कि चिह्नित स्कूल में लगभग 1795 छात्रों का नामांकन है. इनमें से 325 छात्रों की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. इन छात्रों के बोलचाल के तरीके, उनकी गतिविधियां, शौक व स्कूल में गैरहाजिरी सहित अन्य स्थिति-परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है. हालांकि ऐसे बच्चों की शिकायत अभिभावक से करने पर वे शिक्षक को ही झिड़क देते हैं और देख लेने की धमकी तक देते हैं. इस कारण शिक्षक भी विवश होकर छात्रों की शिकायत उनके अभिभावक से करने से परहेज कर रहे हैं.
तीन बार हाजिरी
छात्रों की स्कूल अवधि में उपस्थिति व ठहराव को जांचने के लिए इस स्कूल में तीन बार हाजिरी ली जा रही है. स्कूल में प्रार्थना के बाद, मध्यांतर में टिफिन के बाद वर्ग कक्ष में हाजिरी ली जाती है. इसके बाद स्कूल में छुट्टी होने से पूर्व तीसरी बार छात्रों की हाजिरी ली जाती है, ताकि स्कूल की अवधि में साइबर अपराध नहीं कर सकें.
साइबर डीएसपी मजरुल होदा ने कहा, ´साइबर अपराध में संलिप्त छात्रों की ट्रैकिंग को लेकर काम किया जा रहा है. फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. साइबर अपराध प्रभावित इलाके के स्कूलों में छात्रों के बीच जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा. ´