रांची : एक माह के बाद होमगार्ड जवानों का आंदोलन समाप्त हो गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में निजी सुरक्षा गार्डों की जगह पर होमगार्ड जवानों को तैनात करने का आदेश दिया है. इस आदेश से अब होमगार्ड जवानों को नियमित ड्यूटी मिलेगी. इससे जवानों में खुशी है. इस संबंध में झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने बताया कि आंदोलन के दौरान उनकी चार प्रमुख मांग थी. इन मांगों में नियमित ड्यूटी की मांग थी.
दैनिक कार्य करने पर होता मानदेय का भुगतान
मुखर्जी ने बताया कि सरकारी कार्यालयों में होमगार्ड जवानों को हटाकर निजी सुरक्षा गार्डों को लगाया गया था. इससे जवानों को निरंतर ड्यूटी नहीं मिल पा रही थी. जवानों को दैनिक कार्य करने पर ही भुगतान मिलता है. ऐसे में काफी जवान महीनों भर बैठे रह जाते थे. अब सरकार ने इस मामले को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं. इससे उनकी नियमित ड्यूटी की समस्या का समाधान हो गया है. मुखर्जी ने कहा कि बिहार सरकार की तर्ज पर यहां के जवानों का दैनिक मानदेय बढ़ाने, पेंशन और सेवानिवृत्ति पर एक मुश्त भुगतान को लेकर सरकार की ओर से पहल करने का आश्वासन मिला है.
धनबाद में 1300 जवान
गृह रक्षा वाहिनी धनबाद की बात करें तो यहां 1300 के आसपास जवान हैं. इन्हें से 900 जवानों को ही ड्यूटी मिल पाती है. जबकि शेष को चार माह का इंतजार करना पड़ता है. रोस्टर के आधार पर ड्यूटी देने का प्रावधान है. सरकार के इस आदेश से अब सभी जवानों को ड्यूटी मिलेगी.
सरकारी कार्यालायों के हिसाब से जवानों की संख्या कम
धनबाद जिला की बात करें तो यहां जितने सरकारी कार्यालय हैं, उसके हिसाब से जवानों की संख्या यहां काफी कम है. यदि सभी सरकारी कार्यालय होमगार्ड जवानों की मांग करते हैं तो गृह रक्षा वाहिनी उसे पूरा नहीं कर पाएगी.