जर्जर विद्यालय भवन को ढाहने का मामला फिर तूल पकड़ा, धरने पर बैठी शिक्षिकाएं

बेरमो : लम्बे समय से चले आ रही जरीडीह बाजार के दो विद्यालयों के भुमि भवन विवाद विद्यालय के जर्जर भवन को ढाहने के क्रम में एक बार फिर तूल पकड़ लिया. मामला है मध्यविधालय बेरमो जरीडीह बाजार व बालिका उच्च विद्यालय जरीडीह बाजार की जो एक ही परिसर में अवस्थित है.  

जब उक्त परिसर के जर्जर भवन को जेसीबी मशीन के द्वारा ढाया जाने लगा तो उच्च विधालय की प्रधानाध्यापिका सीता जयसवाल ने यह कहते हुए जेसीबी मशीन के सामने ढाहे गये मलवे पर धरने पर बैठ गयी कि यह विधालय भवन बालिका उच्च विधालय की है और किसके निर्देश पर ढाया जा रहा है.  

जब तक विद्यालय भवन की आधा छज्जा गिरा दिया गया था. प्रधानाध्यापिका के धरने पर बैठने के बाद भवन गिराने का कार्य रोक दिया गया.  

तत्पाश्चात घंटो धरने पर बैठने के बाद प्रधानाध्यापिका धरने से उठी. इस सबंध में उवि के प्रधानाध्यापिका सीता जयसवाल ने कहा कि मुझे भवन तोड़े जाने की सूचना नही थी, आवश्यक कार्यां को लेकर जब मैं अवकाश के दिन रविवार को विधालय पहुंची तो देखा की जेसीबी मशीन के द्वारा बालिका उच्च विधालय के भवन को ढाया जा रहा है.  

ढाहने का कार्य कर रह लोगों से पूछने पर कहा गया कि मध्यविधालय बेरमो जरीडीह बाजार की प्रधानाध्यपक के आदेश पर तोड़ा जा रहा है, तब मैं इस कार्य को रूकवाने हेतु ढाये गए मलवे पर धरने पर बैठ गयी और तत्काल तोड़े जा रहे कार्य को रूकवाया.  

वहीं इस सबंध में मवि0 के प्रधानाध्यापक नारायण शर्मा से पूछा तो उन्होने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के पत्र का हवाला देते हुए भवन ढाहने की बात कही. लेकिन पत्र में मविद्यालय की अपनी चार जर्जर भवन व दो शौचालय ढाहे जाने का उल्लेख है. ढाहे जा रहे भवन हमारी बालिका उच्च विद्यालय की है.  

जो सीसीएल के द्वारा बनाकर दिया गया था. वहीं मध्यविधालय बेरमो जरीडीह बाजार के प्रधानाध्यापक नारायण शर्मा का इस सबंध में कहना है कि ढाहेे जा रहे उक्त निर्मित जर्जर भवन मध्यविधालय के जमीन और परिसर में है जो पूरी तरह जर्जर हो चुकी है.  

हमारे विधालय में हजारो छोटे-छोटे बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है दुर्भाग्यपुर्ण बच्चे के खेलने-कूदने के क्रम में बड़ी दुर्घटना होने की सम्भवना बनी हुई थी. सन् 1938 में मेरा विधालय का स्थापना की गयी थी, जब इसकी स्थापना हुई थी तब गिरीडीह प्रमंडल में तीन मध्यविधालय थें जिसमें जरीडीह बाजार का यह मध्यविधालय सहित गिरीडीह और कसमार का मध्यविधालय था.  

बिहार सरकार द्वारा 02 एकड़ 18 डिस्मील जमीन प्लाॅट नम्बर 919 के अंतर्गत यह मध्यविधालय आवंटित किया गया था. मेरे विधालय के जमीन पर ही 1983 में प्रस्तावित कन्या उच्च विधालय की स्थापना की गयी थी जिसका नाम वर्तमान में परिवर्तन कर बालिका उच्च विधालय रखा गया है. सरकारी आदेशानुसार विधालय परिसर में बच्चों के साथ कोई दुर्घटना नही घटे इसको लेकर उक्त जर्जर भवन को गिराया जा रहा था.


Web Title : DEMOLISH SHABBY SCHOOL BUILDING ANGRY TEACHERS ON DHARNA