एग्जिट पोल ने बढ़ा दी राजनीतिक दलों की धड़कन, रघुवर रचेंगे इतिहास या मिलेगा वनवास

झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर आपका लंबा इंतजार खत्म होने वाला है. बस कुछ ही देर में झारखंड के रुझान आपके सामने होंगे और दोपहर होते-होते लगभग पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी. इसी के साथ ये तय हो जाएगा कि झारखंड में एक बार फिर रघुवर राज आएगा या फिर जनता उन्हें सत्ता से दूर वनवास के लिए भेज दी जाएगी.   राज्य के 81 सीटों पर हुए वोटों की गिनती आज हो रही है. झारखंड में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 41 है.

अबकी बार 65 पार में कितना दम

झारखंड विधानसभा चुनाव से बहुत पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास अबकी बार, 65 पार का नारा दे चुके थे. चुनाव से पहले सीएम ने पूरे राज्य का दौरा किया और जनता का मिजाज भांपने की कोशिश की. सीएम रघुवर दास ने दावा किया था कि वे 65 प्लस के नारे को यथार्थ में बदलेंगे. मुख्यमंत्री रघुवर दास के इस नारे में कितना दम था, आज इसका पता चल जाएगा.

अगर रघुवर दास अपने दम पर झारखंड में वापसी करते हैं तो ये जनादेश झारखंड की राजनीति में इतिहास बन जाएगा. झारखंड की 19 सालों की राजनीति में अब तक कोई भी मुख्यमंत्री लगातार सत्ता में वापसी नहीं कर सका है. झारखंड बनने के बाद राज्य में तीन बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, हर बार जनता ने अपने पिछले मुख्यमंत्री को सत्ता से बाहर कर नये चेहरे को जनादेश दिया है. हालांकि ये जनादेश हर बार खंडित ही रहा है. लिहाजा आज के नतीजों को लेकर राजनीतिक दलों और नेताओं की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. क्या झारखंड की जनता किसी भी पार्टी पर एकमुश्त भरोसा जताएगी, या फिर झारखंड में एक बार फिर से त्रिशंकू विधानसभा की नौबत आएगी.

एग्जिट पोल में रघुवर के विदाई के संकेत

सीएम रघुवर दास ने भले ही 65 प्लस का नारा दिया हो लेकिन इंडिया टुडे- एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल ने झारंखड से रघुवर राज की विदाई के संकेत दिए हैं. इस एग्जिट पोल में बीजेपी को 22 से 32 सीटें मिलती दिख रही है, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन को 38 से 50 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. सुदेश महतो की आजसू पार्टी को 2 से 4 सीटें मिल सकती है, जबकि अन्य दलों के खाते में 7 से 12 सीटें जा सकती है.

एग्जिट पोल के आंकड़ों पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी मीडिया ने यह नहीं कहा था कि बहुमत के साथ मोदी सरकार की वापसी हो रही है. उन्होंने कहा कि जनता का जो रुझान देखकर वो आए हैं उसके आधार पर वो कह रहे हैं कि नतीजे भाजपा के पक्ष में आएंगे.

मोदी-अमित शाह ने भी लगाया जोर

हरियाणा में बहुमत से दूर और महाराष्ट्र में सत्ता गंवा चुकी बीजेपी के लिए झारखंड के चुनावी नतीजे लिटमस टेस्ट हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की विशाल जीत के बाद दो राज्यों के नतीजे बीजेपी के लिए हौसले बढ़ाने वाले नहीं हैं. लिहाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने झारखंड फतह के लिए खुद जोर लगाया है. झारखंड में गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनाव प्रचार के सिलसिले में 4 बार झारखंड आए और 7 चुनावी सभाएं की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के लिए 5 बार झारखंड आए और 8 चुनावी रैलियां की और रघुवर दास के लिए वोट मांगा.

2014 के नतीजों पर एक नजर

इस बार के चुनाव में 65 का टारगेट फिक्स करने वाली बीजेपी ने  2014 के विधानसभा चुनाव में मात्र 37 सीटें जीती थी. जबकि उस दौरान देश में मोदी लहर की चर्चा थी. इसके अलावा 2014 में विपक्ष में रहने के कारण बीजेपी को एंटी इंकम्बेसी फैक्टर का सामना भी नहीं करना पड़ा था. 2014 में बीजेपी को 37, आजसू को 5 सीटें मिली थी. जबकि झामुमो के खाते में 19 सीटें आई थी, कांग्रेस के 6 विधायक चुनाव जीते थे. 2014 में झारखंड विकास मोर्चा के 8 विधायक चुनाव जीते थे. अन्य 6 विधायकों को जीत मिली थी. जेवीएम के 8 में से 6 विधायक चुनाव के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे. अभी बीजेपी के पास 43 विधायक हैं.


Web Title : EXIT POLL BOOSTS POLITICAL PARTIES HEARTBEAT, RAGHUVAR WILL CREATE HISTORY OR GET FOREST

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