छात्र, बुजुर्ग और दिव्यांगों को मुफ्त बस सेवा, झारखंड में शुरू हुई ग्राम गाड़ी योजना

मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने ग्रामीण क्षेत्रों से अनुमंडल व जिले तक आवागमन सुविधा को सुलभ और सुगम बनाने के लिए बुधवार को रांची के मोरहाबादी मैदान से ‘मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना’ का शुभारंभ किया. इस योजना के तहत 83 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पहले चरण में जल्द ही 250 से अधिक गाड़ियां ग्रामीण इलाकों से शहर तक दौड़ेंगी. मौके पर सीएम ने कहा कि ग्राम गाड़ी योजना के तहत इन गाड़ियों में विद्यार्थी, आंदोलनकारी, दिव्यांग, वृद्धजन, विधवा माता-बहनें और एचआईवी संक्रमित लोग मुफ्त में यात्रा कर सकेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी से विकास की रफ्तार भी बढ़ेगी.


सीएम ने अबुआवा आवास स्वीकृति पत्र वितरण के दौरान कहा कि वर्ष 2027 तक उनकी सरकार राज्य के 20 लाख आवासविहीन परिवारों को अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरों का पक्का मकान देगी. आने वाले तीन माह में नौ लाख लोगों को अबुआ आवास का लाभ देने का लक्ष्य है. मोरहाबादी मैदान के मंच से रांची, लोहरदगा और गुमला जिले के 24 हजार से ज्यादा की संख्या में लाभुक परिवारों को अबुआ आवास योजना का स्वीकृति पत्र दिया गया. पहली किस्त की राशि 72 करोड़ रुपये भी डीबीटी के माध्यम से भेजी जा रही है.


अबुआ आवास योजना


● रांची, लोहरदगा और गुमला के कुल 24,117 लाभुकों के बीच मुख्यमंत्री ने वितरित किया अबुआ आवास योजना का स्वीकृति पत्र


● 72 करोड़ रुपये डीबीटी से पहली किस्त के रूप में रांची, गुमला, लोहरदगा के लाभुकों को जारी


● रांची के 13,222, गुमला के 7,663 और लोहरदगा के 3,228 लाभुकों भेजी गई राशि


भाजपा ने किया भेदभाव, हेमंत घर-घर पहुंचे


मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा और केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया. कहा कि केंद्र से झारखंड के जरूरतमंदों के लिए आवास योजना स्वीकृत करने का कई बार आग्रह किया, लेकिन केंद्र ने झारखंड के गरीब परिवार को 80 हजार रुपये किश्त नहीं देकर भेदभाव किया.


चंपाई ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के जरूरतमंद और वंचितों के हक के लिए आवाज बुलंद की तो केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर साजिशन उन्हें जेल भेज दिया गया.


सीएम ने कहा कि चुनाव नजदीक आया तो भाजपा के नेता गांव जा रहे हैं, लेकनि, वे चाहे जिस गांव-घर चले जाएं, वहां उन्हें पहले से हेमंत सोरेन की योजनाएं पहुंचीं मिलेंगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 2022 तक सबको पक्का मकान देने की घोषणा की थी. 2024 में भी यह नहीं हो पाया. केंद्र ने यहां के आदिवासी-मूलवासियों के साथ धोखा किया. दूसरी तरफ हेमंत सोरेन ने राज्य के आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यक सहित हर वर्ग की जरूरत को गांव-गांव जाकर समझा और इनके सामाजिक आर्थिक शैक्षणिक विकास की योजनाएं लेकर आए. रोटी, कपड़ा के बाद आवास सबसे बड़ी मांग के रूप में सामने आई. केंद्र ने मंजूरी नहीं दी तब हेमंत सोरेन ने यह फैसला किया कि अपने संसाधन के बल पर राज्य के हर जरूरतमंद को तीन कमरों वाला अबुआ आवास देंगे.

Web Title : FREE BUS SERVICE FOR STUDENTS, ELDERLY AND DIFFERENTLY ABLED, GRAM GADI SCHEME LAUNCHED IN JHARKHAND

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