झारखंड -ज्ञानोदय योजना : राज्य के 525 प्लस टू स्कूलों को विज्ञान लैब की सौगात
राज्य के 525 प्लस टू सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी अब निजी विद्यालयों की तरह आधुनिक तरीके से शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे. स्कूलों में गणित और विज्ञान की प्रयोगशाला (लैब) का निर्माण कराया जाएगा. इससे बच्चे प्रयोगों के माध्यम से विज्ञान की जटिलताओं को आसानी से समझ सकेंगे.
झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना परिषद (जेसीईआरटी) की ओर से इसकी पहल की गयी है. ज्ञानोदय योजना के तहत विज्ञान की प्रयोगशाला का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए सभी जिलों के डीईओ, डीएसई और समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय को निर्देशित किया गया है. उन्हें कहा गया है कि वे अपने जिले में प्रयोगशाला के लिए चयनित स्कूलों में एक कमरा तैयार कराएं.
राजधानी रांची में 29 स्कूलों का चयन प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए किया गया है. इसके अलावा दुमका में 28, देवघर में 27, चतरा में 22, धनबाद में 21 और बोकारो में 19 स्कूलों सहित अन्य जिलों के स्कूलों को भी इसके लिए चुना गया है. प्रयोगशाला के अधिष्ठापन की स्वीकृति मिल चुकी है. ई-टेंडर के माध्यम से अहमदाबाद की कंपनी एमआईटी इंटरप्राइजेज को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है. जल्द ही चयनित स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ संपर्क कर प्रयोगशाला स्थापित करने पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
शिक्षा विभाग का प्रयास है कि नवंबर 2022 तक प्रयोगशाला की स्थापना का कार्य स्कूलों में पूर्ण करा लिया जाए. इसके लिए स्कूलों को तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया गया है. नवंबर में प्रयोगशाला के स्थापित होने के साथ ही बच्चे इसका उपयोग भी कर सकेंगे. लैब के माध्यम से इंजीनियरिंग से आधारित प्रयोगों पर ज्यादा फोकस रहेगा. रॉकेट लॉन्चर, मैग्नेटिक स्प्रिंग, ह्यूमन बैटरी, हैंडपंप, रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सहित कई अन्य तरह के कार्यों के संबंध में प्रयोग के लिए प्रयोगशाला को तैयार किया जा रहा है. प्रयोगों के लिए इस्तेमाल होनेवाली चिजें प्रयोगशाला में उपलब्ध रहेंगी.
राज्य परियोजना निदेशक, किरण कुमारी पासी ने बताया कि माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में प्रयोगशाला के अधिष्ठापन के बाद मध्य विद्यालयों में भी प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना है. छठी से 8वीं कक्षा में भी 525 प्रयोगशाला स्थापित किए जाएंगे. इसके लिए वैसे स्कूलों का चुनाव किया जाएगा, जिनमें विद्यार्थियों का अधिक नामांकन होगा. जल्द ही इसकी भी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. प्रयोगशाला के लिए अलग से एक कमरा तैयार करना होगा
कमरा में सुरक्षा और बिजली के पुख्ता इंतजाम रखने होंगे
वायरिंग, पंखा आदि की सुविधा होनी चाहिए
फर्श पर पीवीसी की सीट की व्यवस्था होनी चाहिए
प्रयोगशाला स्थापित होने के समय एक शिक्षक कि निगरानी जरूरी
राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में गणित, विज्ञान व प्रौद्योगिकी की समझ को विकसित करना है. प्रयोगशाला में बच्चे स्कूल में पढ़ाए गए विषयों पर आधारित प्रयोग कर सकेंगे. इससे उनमें विज्ञान के प्रति जिज्ञासा बढ़ेगी और विषय को रुचिकर बनाया जा सकेगा.