नक्सलियों का सफाया करने का था दावा, लातेहार के चंदवा में उग्रवादियों ने फूंकी करोड़ों की गाड़ियां

झारखंड: सुरक्षा बल के संयुक्त ऑपरेशन में एक समय में पुलिस नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बूढ़ा पहाड़ में अपना वर्चस्व कायम करने में सफल रही थी. मात्र बूढ़ा पहाड़ से ही नक्सलियों को खदेड़ने में पुलिस इसे अपना जीत मान रही थी. दावा किया जा रहा था कि जिले में नक्सलियों का मनोबल टूट गया है. प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी कमजोर हो चुके हैं.

यहां तक दावा किया जाने लगा था कि अगले कुछ माह में माओवादियों को खदेड़ दिया जाएगा. बूढा पहाड़ का जिक्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करते हुए पुलिस बलों को शाबाशी भी दी थी. इन सब दावों के उलट एक माह के अंदर दो बड़ी घटना को अंजाम देकर माओवादी ने जिले में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. दो बड़ी घटनाओं ने पुलिस महकमें और सुरक्षा तंत्रों के लिए विशेष चुनौती खड़ी कर दी है. दोनों हमले केंद्रीय प्रोजेक्ट पर हुआ है. इस हमले के बाद पुलिस और वरीय अधिकारियों को माओवादियों से निपटने के लिए नयी रणनीति बनानी होगी.

एक तरफ बूढा पहाड़ से तो वो खदेड़े जा रहे है, लेकिन दूसरी तरफ वो शहर से सटे इलाकों में बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे है. क्षेत्र में जब तक रविंद्र गंझू की हलचल है इस क्षेत्र को उग्रवाद से मुक्त बनाना एक कड़ी चुनौती है.

लातेहार के चंदवा में नक्सली भाकपा माओवादी रवींद्र गंझू के दस्ते ने बीते दिनों 2 फाउंडेशन पाइल्स ड्रिलिंग मशीन, 1 हाइड्रा, 1 पोकलेन, 1 जेसीबी, 3 बेंच मशीन, 3 मोटरसाइकिल और 1 डीजी जेनरेटर फूंक दिया. अगलगी की घटना को अंजाम देने से पूर्व एक नक्सली ने कार्य कर रहे मजदूरों से कहा कि आप लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. आप लोगों के साथ मारपीट नहीं की जाएगी. आपकी कंपनी से पूर्व में भी वार्ता हुई थी. उन लोगों ने पैसा नहीं दिया है इस कारण पूरी मशीन को आग लगाया जा रही है.


Web Title : MILITANTS SET VEHICLES WORTH CRORES OF RUPEES IN LATEHARS CHANDWA, CLAIMS TO HAVE ELIMINATED NAXALS

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