झारखंड: झारखंड में पहले से ही विद्युत संकट का सामना कर रहे नागरिकों के लिए दोहरी मुश्किल खड़ी हो गई है. मांग और आपूर्ति संबंधी दिक्कतों की वजह से बिजली कटौती की समस्या अभी सुलझी नहीं कि अब बिजली कर्मी भूख हड़ताल पर चले गए हैं. बिजली कर्मियों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की वजह से विद्युत संकट गहराने की आशंका है. बता दें कि झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के बैनर तले बिजली कर्मचारी झारखंड उर्जा विकास निगम लिमिटेड के मुख्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए.
यूनियन के महामंत्री वरुण कुमार सिंह ने कहा कि जब तक हमें न्याय नहीं मिलता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. अध्यक्ष आशीष ने कहा कि किसी हाल में निगम के मजदूर विरोधी तत्वों के आगे संघ के मजदूर नहीं झुकेंगे. उन्होंने कहा कि संघ से प्रबंधन ने मांगों को पूरा करने के लिए दो-दो बार समझौता किया, परंतु उसे लागू करने के बजाय टाल-मटोल की नीति अपनायी गई. मंच संचालन संगठन मंत्री प्रकाश कुमार ने किया. मौके पर राजकुमार, आलोक, मुकेश, प्रभात, नीतिश, मुकेश सेराज, इग्नासियुस मरांडी, अरुण सहित अन्य मौजूद थे.
डोरंडा प्रमंडल में राजस्व संग्रह करने व बिजली बिल व अन्य समस्याओं के समाधान को लेकर बैठक हुई. अध्यक्षता डोरंडा डिविजन के विद्युत कार्यपालक अभियंता विरेंद्र किस्कू ने की. मौके पर अवर विद्युत प्रमंडल के सहायक विद्युत अभियंता अवधेश कुमार लाल, शिवेंद्र कुमार, सौरभ आनंद, कनीय विद्युत अभियंता ज्ञानचंद्र, मो. जिशान, महेश महतो सहित ऊर्जा मित्र मौजूद थे.
गौरतलब है कि पहले से ही बिजली संकट का सामना कर रहे राजधानी रांची समेत झारखंड के अन्य हिस्सों में निर्बाध बिजली आपूर्ति को लेकर जेबीवीएनएल ने एक दिशा-निर्देश जारी किया. इसमें कार्यपालक अभियंताओं को नजदीकी ग्रिड के संपर्क में बने रहने और जरूरत के मुताबिक पावर सब स्टेशन को बिजली सप्लाई करने का निर्देश दिया गया है. जारी किए गए दिशा-निर्देश में अतिरिक्त मैनपावर बढ़ाने की भी बात कही गई है.