यहां क्यों आए, हाई कोर्ट जाओ; ED समन पर हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से भी लगा झटका

मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर दिए गए समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को निराशा हाथ लगी है. सर्वोच्च अदालत ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद सोरेन ने अपनी याचिका वापस ले ली. सोरेन अब ईडी के समन को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी ने कहा, ´ऐसे केस हाई कोर्ट से आने चाहिए, सीधे नहीं है. आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए. ?´ सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, ´मैं हाई कोर्ट जाना चाहता हूं लेकिन कानून के कुछ ऐसे ही सवाल इस कोर्ट में भी हैं. ´ ईडी के समन पर रोक की मांग के अलावा सोरेन ने पीएमएलए ऐक्ट की धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधानिकता को चुनौती दी है.

सोरेन की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत में दावा किया कि यह पूरी तरह से पीछे पड़ जाने का मामला है. इस पर पीठ ने कहा, ´रोहतगी जी, आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? नहीं नहीं, आप उच्च न्यायालय जाइए. हम आपको याचिका वापस लेने की अनुमति देंगे. ´ याचिका को वापस लिया मानकर खारिज कर दिया गया. ईडी की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील दी कि यह मामला बड़ी संख्या में दिए गए निर्णयों के अंतर्गत आता है.  

सोरेन को चौथी बार मिला समन
इस बीच ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर से समन भेजकर 23 सितंबर को उपस्थित होने को कहा है. इससे पहले ईडी ने जमीन खरीद-बिक्री मामले में मुख्यमंत्री को तीसरा समन भेज कर पूछताछ के लिए 9 सितंबर को हाजिर होने को कहा था. हालांकि मुख्यमंत्री सोरेन पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं गए और  वह जी-20 समिट के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए थे.

9 घंटे तक हो चुकी है पूछताछ
ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता सोरेन (48) से राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में पिछले साल 17 नवंबर को 9 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. केंद्रीय एजेंसी एक दर्जन से अधिक भूमि सौदों की जांच कर रही है, जिसमें रक्षा भूमि से संबंधित एक सौदा भी शामिल है, जिसमें माफिया, बिचौलियों और नौकरशाहों के एक समूह ने 1932 की तिथि तक के फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए कथित तौर पर मिलीभगत की थी. ईडी ने झारखंड में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा भी शामिल हैं.

Web Title : WHY COME HERE, GO TO THE HIGH COURT; HEMANT SOREN GETS BAIL FROM SUPREME COURT

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