कोलकाता. चक्रवाती तूफ़ान यास के ओडिशा के बालासोर के पास जमीन पर टकराने के बाद उसके असर की वजह से पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में भयावह स्थिति पैदा हो गई है. कई नदियों पर बने बांध टूट जाने की वजह से सैकड़ों गांव पानी में डूब गए हैं और कम से कम 20 हज़ार मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. एनएफ.
पूर्व मेदिनीपुर ज़िले के दीघा और मंदारमणि इलाकों में समुद्र में 30 फीट ऊंची लहरें उठने की वजह से पूरे शहर में घुटनों से कमर तक पानी भर गया है.
दीघा शहर में पांच से छह फीट तक पानी भर चुका है. 15 लाख लोग सुरक्षित जगहों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सचिवालय में पत्रकारों को बताया, पूर्व मेदिनीपुर के अलावा उत्तर और दक्षिण 24-परगना जिले में कई जगह बांध टूट जाने की वजह से तटवर्ती इलाक़ों के सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है.
तूफ़ान के साथ ही बंगाल की खाड़ी में ज्वार आने की वजह से हालात भयावह हो गए हैं. सैकड़ों गांवों के लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है. उन इलाक़ों से करीब 15 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है.
मुख्यमंत्री के मुताबिक, सागर और मौसुनी समेत सुंदरबन के कई द्वीपों के गांवों में पानी भर गया है. सागर द्वीप में कपिल मुनि के मंदिर में भी पानी भर गया है. काकद्वीप में मूड़ी गंगा नदी का पानी पांच किमी. भीतर तक घुस आया है. ममता ने बताया कि अब तक 20 हज़ार मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. अकेले पूर्व मेदिनीपुर जिले में 51 बांध टूटे हैं.
मौसम विभाग ने राजधानी कोलकाता में भी टोर्नेडो यानी बवंडर का अंदेशा जताते हुए लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है. सरकार ने राहत शिविरों में रहने वालों से प्रशासन की हरी झंडी नहीं मिलने तक अपने घर नहीं लौटने को कहा है.