वन्यप्राणी सूकर शिकार के 5 आरोपियों को कारावास

बालाघाट. वन परिक्षेत्र वारासिवनी के मामले में वन्य प्राणी जंगली सुअर का शिकार कर मांस बेचने वाले 5 आरोपियों लालबर्रा थाना अंतर्गत रटेगांव निवासी 67 वर्षीय आडकू पिता हगरू, 65 वर्षीय फागू पिता हगरू, 53 वर्षीय शिव पिता नंदराम, 55 वर्षीय मनीराम पिता सम्मेलाल और 35 वर्षीय मोहरलाल उर्फ गुल्लू पिता नन्हेसिंग को वारासिवनी न्यायालय के माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चैतन्य अनुभव चौबे की अदालत ने वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9 सहपठित धारा 52 का उल्लंघन होकर धारा 51 का दोषी पाते हुए एक-एक वर्ष के कारावास और कुल 25 सौ रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिया है.

मामले मंे अभियोजन की ओर से सहायक लोक अभियोजन अधिकारी राजेश कायस्त ने पैरवी की थी. घटनाक्रम के अनुसार 25 मई 2017 को दोपहर 3 बजे वन परिक्षेत्र वारासिवनी अंतर्गत वन क्षेत्र खमरिया बीट के कक्ष क्रमांक 502 में जाल बिछाकर जंगली सूकर का शिकार करने की मंशा से छिपे बैठे पांचा आरोपियों को बीट गश्ती के दौरान वन अमले द्वारा घेराबंदी कर पकड़ा था. जिनके पास से जाल, कुल्हाड़ी, बरछी सहित तीन सायकिल बरामद की गई थी. जिन्होंने वन्य प्राणी जंगली सुकर को मारने की मंशा से जाल बिछाना और शिकार कर मांस को विक्रय करना एवं स्वयं मांस खाने के लिए अपराध करना स्वीकार किया गया विवेचना के उपरंात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया. जिसमें माननीय न्यायालय ने विचारण उपरांत आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा एवं अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है.  


Web Title : 5 ACCUSED IN WILDLIFE PIG POACHING CASE SENTENCED TO LIFE IMPRISONMENT