किशोरी की हत्या मामले में आदिवासी समाज ने की आरोपी को फांसी की मांग, फास्ट ट्रेक कोर्ट में चले मामला, मृतिका को न्याय दिलाने आदिवासी समाज एकजुट

बालाघाट. 16 मई से लापता किशोरी का, बिरसा थाना अंतर्गत खुर्सीपार जंगल के लोरमी मार्ग पर स्थित वनविभाग की नर्सरी मंे 17 मई को शव मिला था. जिसकी गोली मारकर हत्या की गई थी. कथित प्रेम में किशोरी की गोली मारकर की गई हत्या में पुलिस ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भिजवा दिया है. जिस मामले में किशोरी की हत्या और उसमें संलिप्त लोगों को फांसी दिए जाने की मांग आदिवासी समाज ने की है.  21 मई को बड़ी संख्या में आदिवासियों ने रैली निकालकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. जिसके माध्यम से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने, मृतिका का मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाने और आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की गई. आदिवासी समाज प्रतिनिधियों का कहना है कि बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है. हालांकि बिरसा पुलिस का कहना है कि अब तक पीएम रिपोर्ट नहीं मिली है. जिसकी रिपोर्ट के बाद ही दुष्कर्म जैसी घटना की पुष्टि हो सकेगी.  

21 मई को रैली से एक दिन पूर्व आदिवासी समाज की बैठक पीड़िता के ग्राम में हुई थी. जिसमें समाज और परिवार ने एक सप्ताह पूर्व मृतिका की दादी की मौत मामले की कोर्ट में गवाही के एक दिन पहले ही पीड़िता की हत्या पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिर, इसके पीछे की वजह क्या है? जिसकी भी पुलिस जांच करें. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं ऐसी आशंका है कि मृतिका किशोरी से जबरदस्ती प्यार में कहीं बाधा के तौर पर देखी जा रही दादी की भी तो हत्या नहीं की गई. जिसमें किशोरी के कोर्ट में बयान के एक दिन पहले ही उसकी हत्या कर दादी की मौत की सच्चाई को दबाने का काम किया गया.   मृतिका की मां ने बताया कि 17 मई को बेटी की दादी की मौत में कोर्ट में गवाही देने वाली थी. इससे पूर्व ही उसका अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई. वह बच्ची केा लगातार टॉर्चर कर रहे थे, लेकिन बच्ची बोल नहीं पा रही थी. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की हत्यारों को फांसी दी जाए.  

जनप्रतिनिधि मंशाराम मड़ावी ने कहा कि बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या की गई है. उसकी दादी की मौत मामले में बालिका के बयान होने थे, उसे दबाने उसकी हत्या की गई. उन्होंने कहा कि यह साजिश के तहत किया गया है और इसमें उसके परिवार के लोग शामिल है. उन्होंने बताया कि जब परिजन को लापता बेटी का पता नहीं चल रहा था तो आरोपी के पिता ने जानकारी बताई थी. उन्होंने कहा कि बालिका के साथ जघन्य मामले में अक्सर आरोपी के घर पर सरकार का बुलडोजर चलता है लेकिन, इस मामले में अब तक प्रशासन खामोश है. उन्होंने कहा कि अभी केवल एक ब्लॉक के लोग उपस्थित हुए है, आगामी समय में न्याय नहीं मिला तो पूरे जिले के लोग और सर्वसमाज के लोग एकत्रित होकर बालाघाट को जाम कर देंगे.

अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम ने कहा कि आदिवासियों के साथ लगातार अत्याचार हो रहे है, यदि यह किसी सामान्य वर्ग की बालिका के साथ होता तो पूरा समाज खड़ा हो जाता है लेकिन आदिवासी के साथ होने वाली घटनाओं में मानवीयता नहीं जागती है. उन्होने कहा कि बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की गई. जिससे समाज में आक्रोश है और न्याय प्रक्रिया मंे विलंब होने से अब आदिवासी समाज का न्याय प्रक्रिया से विश्वास उठ गया है. उन्होंने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से हमने अल्टीमेटम दिया है, यदि शासन, प्रशासन, आरोपी के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं करता है तो समाज स्वयं बुलडोजर बनकर उसके घर को ध्वस्त करने का काम करेगा. इस घटना को लेकर अब आदिवासी समाज करो या मरो में आ गया है. आदिवासियों का खून खौल रहा है. वह संवैधानिक और संवेदनशील तरीके से न्याय चाहता है वरना हम ईट से ईट बजा देंगे.

आदिवासी विकास परिषद अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है. यह एक संगीन अपराध है और हमें पूरा भरोसा है कि इसे कोई एक अंजाम नहीं दे सकता है, इसमें जरूर और लोग भी शामिल है. शासन, प्रशासन उसकी निष्पक्षता से जांच कराए. अन्यथा आगामी समय में ऐतिहासिक आंदोलन होगा. यह एक बालिका की नहीं पूरे परिवार की हत्या है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के साथ अत्याचार बढ़े है. कटंगी में एक आदिवासी समाज के व्यक्ति के साथ पत्ता तोड़ने पर वनकर्मी द्वारा निर्ममता से पिटाई गई. अब आदिवासी समाज आदिवासियों पर अत्याचार नहीं सहेगा.

पंचायत पंच खेमराज मरावी ने बताया कि इस घटना ने बहु-बेटियो को भयाक्रांत कर दिया है. बहु-बेटियां बिना किसी भय के रह सके, इसके लिए पुलिस प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था बनाया जाना चाहिए. हालांकि उन्होंने पुलिस कार्यवाही पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि हमारी मांग है कि मृतिका की मां को इसका मुआवजा प्रदान किया जाए और परिवार को न्याय मिले.  आदिवासी समाज संगठन के रूढिवादी प्रथा से जुड़े पदाधिकारी खेमलाल धुर्वे ने कहा कि मृतिका औ उसकी दादी की हत्या षडयंत्रपूर्वक की गई है. हमारी मांग है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में की जाए और आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचार पर शासन, प्रशासन ध्यान दे.


Web Title : TRIBAL SOCIETY DEMANDS DEATH PENALTY FOR ACCUSED IN TEENAGER MURDER CASE, CASE IN FAST TRACK COURT, TRIBAL SOCIETY UNITED TO GET JUSTICE FOR THE DECEASED