आर्थिक चुनौतियों पर वित्त मंत्री बोलीं निवेश बढ़ाने के लिए होंगे और सुधार

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय उद्योग जगत कई तरह की चुनौतियों से गुजर रहा है, लेकिन अब सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार भारत को ज्यादा आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने के लिए कुछ और आर्थ‍िक सुधार करने के लिए तैयार है.

उद्योग चैंबर CII द्वारा मंगलवार को आयोजित ´इंडिया-स्वीडन बिजनेस समिट´ को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ´हम अब भारतीय उद्योग की चुनौतियों से निपटने के दौर में हैं. बजट 2020 से पहले ही हमने इस बारे में निर्णय ले लिया कि वित्तीय प्रोत्साहनों के लिए इंतजार न किया जाए. कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का निर्णय दो बजट के बीच में लिया गया.

उन्होंने कहा, ´सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती जैसे कई कदम उठाए हैं. मैं आपको (निवेश के लिए) आमंत्रित करना चाहती हूं और इस बात के लिए आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत सरकार बैंकिंग, खनन, बीमा हो या कोई और सेक्टर नए सुधार करने के लिए तैयार है.

उन्होंने स्वीडन की कंपनियों को इस बात के लिए आमंत्रित किया कि वे भारत की बुनियादी ढांचा विकास की परियोजनाओं में निवेश करें. भारत सरकार अगले पांच साल में बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करना चाहती है. वित्त मंत्री ने मंगलवार को स्वीडन के कारोबार, उद्योग और नवाचार मंत्री इब्राहिम बेलान के साथ कारोबार और व्यापार के द्विपक्षीय मसलों पर बात की.

गौरतलब है कि इकोनॉमी की सुस्ती के दौर में भारतीय कारोबार और उद्योग जगत कई तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है. शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मांग में कमी आई है. अर्थव्यवस्था को चुनौतियों से निकालने के लिए सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती जैसे कई बड़े ऐलान किए हैं, लेकिन इनका अभी बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है.

चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 4. 5 फीसदी पहुंच गया है. यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले मार्च 2013 तिमाही में देश की जीडीपी दर इस स्‍तर पर थी.

अहम बात ये है कि देश की जीडीपी लगातार 6 तिमाही से गिर रही है. बीते वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी पर थी तो दूसरी तिमाही में यह लुढ़क कर 7 फीसदी पर आ गई. इसी तरह बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर 6. 6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5. 8 फीसदी पर थी. इसके अलावा वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर गिरकर 5 फीसदी पर आ गई.


Web Title : FINANCE MINISTER TO BOOST INVESTMENT ON ECONOMIC CHALLENGES AND REFORMS

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