कोरोना वायरस: दो दिनों में बालाघाट जेल से छोड़े गये 16 विचाराधीन कैदी

बालाघाट. मध्‍य प्रदेश की जेलों में मौजूद कैदियों की भारी भीड़ कहीं कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह न बन जाये. इस आशंका के मद्देनजर मध्‍य प्रदेश सरकार ने प्रदेश की तमाम जेलों में बंद कैदियों को रिहा करने की प्रकिया शुरू कर दी है. इस फैसले के तहत, ऐसे विचाराधीन कैदी, जिनके जुर्म की सजा पांच साल से कम है, उन्‍हें 45 दिनों की अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है. जबकि सजायाफ्ता कैदियों को 60 दिन की अंतरित जमानत पर रिहा किया जा रहा है.

बालाघाट जेल अधीक्षक विदित सिरवैया ने बताया कि बीते दो दिनों में कुल 16 विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जा चुका है. इसके अलावा, 15 विचाराधीन कैदियों के प्रकरण न्यायलय भेजे गये है. न्‍यायालय से अनुमति मिलते ही इन कैदियों की रिहाई की प्रकिया शुरू कर दी जायेगी.  

सजायाफ्ता कैदियों को भी मिलेगी पैरोल

विगत रविवार राज्य शासन द्वारा अधिसूचना जारी कर जेल मे बंद सजायाफ्ता कैदियो को भी 60 दिनो के पैरोल मे छोड़ने के निर्देश जारी किए गये है. यह पैरोल उन्‍हीं सजायाफ्ता कैदियों को दी जा रही है, जो पूर्व में भी पैरोल पा चुके हैं. इसके अलावा, विचाराधीन कैदियों को 45 दिन की जमानत पर घर जाने की इजाजत दी जा रही है. बालाघाट जिले की जेल में जबलपुर के ऐसे दो कैदी है जिन्हें आजीवन की सजा मिली है. जिन्हें भी 60 दिन की पैरोल का लाभ मिल सकता है.  

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और सावधानी को लेकर दिये जा रहे निर्देश

राज्य शासन के आदेश पर जिन कैदियों को रिहा किया जा रहा है. उन्हें जेल से घर के लिए रवाना होने से पहले कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर सावधानी बरतने की बात कही जा रही है. बालाघाट जेल से जिन 16 कैदियों को रिहा किया गया. उन्हें जेल अधीक्षक श्री सिरवैया द्वारा इन कैदियों को यह बताया गया कि उन्हें कोरोना वायरस से बचने के लिए बाहर किन-किन बातों का ध्‍यान रखना है.

बालाघाट जेल में निरूद्ध है 364 कैदी

बालाघाट जेल में भी क्षमता से ज्यादा कैदी है, वर्तमान में यहां 364 कैदी निरूद्ध है. उच्चतम न्यायलय के निर्देश पर कैदियों को अंतरिम जमानत और पैरोल पर छोड़े जाने के बाद जेल की क्षमता कम होगी. वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जेलों से छूट रहे विचाराधीन कैदियों ने खुद को 45 दिनो तक घरो में लॉक डाउन रखने का भरोसा जेल प्रशासन को दिलाया है. मिली जानकारी के अनुसार बालाघाट जेल में 76 सजा, 1 सिविल बंदी, 280 हवालाती बंदी और 7 महिला कैदी शामिल है.

कैदी बना रहे मॉस्क, समाजसेवी संस्थाओं से कपड़ा दान करने की अपील

कोरोना वायरस के बाद जिला जेल में भी कैदी मॉस्क तैयार कर रहे है. जेल अधीक्षक श्री सिरवैया से मिली जानकारी अनुसार जेल के लगभग 8 कैदी मॉस्क तैयार कर रहे है. जिनके द्वारा तैयार किये गये मॉस्क को जेल में निरूद्ध कैदियो के अलावा बालाघाट न्यायालय में कर्मचारियों को दिया गया है. इसके अलावा, आयुष विभाग को भी कैदियों द्वारा बनाये गये एक हजार मॉस्क जेल प्रबंधन द्वारा दिये गये है. जेल अधीक्षक श्री सिरवैया ने बताया कि वर्तमान में दुकानें बंद होने से कपड़े और धागा की कमी है, यदि कोई संस्था मॉस्क बनाकर बंटवाना चाहती है तो वह जेल में मॉस्क तैयार करने के लिए कपड़ा और धागा दान कर सकती है, जेल में कैदियों द्वारा मॉस्क तैयार कर संस्था को दे दिया जायेगा.  

जेल में बनाया गया क्वेंरटाईन वार्ड

जेलर श्री सिरवैया ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और सावधानी को लेकर पूरे जिले में उपाय के सभी ऐतिहात किये जा रहे है. हर एक दिन के आड़ में जेल के अंदर और बाहरी क्षेत्र में नपा के माध्यम से जेल को सेनेटाईज किया जा रहा है. वहीं सभी कैदियों को मॉस्क भी मुहैया करवाया गया है. साथ ही नये जेल में आने वाले कैदियों में बीमारी को देखते हुए उनके लिए क्वेंरटाईन वार्ड भी तैयार किया गया है, ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा पैदा न हो.


इनका कहना है

उच्चतम न्यायालय के आदेश और राज्य शासन के निर्देश पर पांच साल तक की सजा वाले विचाराधीन 16 कैदियों को दो दिनों में अंतरिम पैरोल पर छोड़ गया है. इसके अलावा, 15 विचाराधीन कैदियों के प्रकरण न्यायलय भेजे गये है. जिनकी अनुमति मिलते ही उन्हें भी अंतरिम पैरोल पर छोड़ा जायेगा. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और सावधानी को लेकर पूरे जिले में ऐतिहात के तौर पर पूरे उपाय किये जा रहे है.  

विदित सिरवैया, जेल अधीक्षक, बालाघाट जेल 


Web Title : CORONA VIRUS: 16 UNDERTRIAL PRISONERS RELEASED FROM BALAGHAT JAIL IN TWO DAYS