मनरेगा से रोजगार देने में बालाघाट जिला प्रदेश में प्रथम

बालाघाट. बालाघाट जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जॉब कार्ड धारकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के अंतर्गत जल संरक्षण एवं जल संवर्धन एवं हितग्राही मूलक कार्य कराये जा रहे है. मनरेगा के अंतर्गत जिले के एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है. मनरेगा के अंतर्गत इतनी अधिक संख्या में ग्रामीण जाबकार्ड धारकों को रोजगार देने के मामले में बालाघाट जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है. इतनी अधिक संख्या में प्रदेश के किसी अन्य जिले में मजदूरों को काम नहीं मिला है. चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा के कार्यों में मजदूरी पर 20 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है.

17 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजित

जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रजनी सिंह ने बताया कि 22 मई की स्थिति में बालाघाट जिले की 684 ग्राम पंचायतों में कुल 5246 कार्य प्रगति पर है. इनमें 4520 कार्य हितग्राही मूलक कार्य है और 726 कार्य सामुदायिक कार्य है. इन कार्यों में 2076 कार्य जल संरक्षण एवं जल संवर्धन से जुड़े है. मनरेगा के अंतर्गत चल रहे इन कार्यों से जिले के एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को रोजगार मिला हुआ है. कोरोना महामारी संकट के दौर में जिले में 20 अप्रैल से मनरेगा के कार्यों को प्रारंभ किया गया है. 20 अप्रैल से 22 मई 2020 तक जिले में मनरेगा से 17 लाख मानव दिवसों को रोजगार सृजित किया जा चुका है.

मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती सिंह ने बताया कि कोरोना संकट के दौर में बालाघाट जिले में एक लाख 04 हजार मजदूर बालाघाट जिले में अन्य राज्यों से वापस आये है. बाहर से आये मजदूरों के जाबकार्ड बनाकर उन्हें भी मनरेगा में काम दिया जा रहा है. बालाघाट जिले में मनरेगा से प्रदेश में सबसे अधिक एक लाख 23 हजार 64 मजदूरों को काम मिल रहा है. इतनी अधिक संख्या में प्रदेश के किसी अन्य जिले में मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है. इस प्रकार बालाघाट जिला मनरेगा में अधिक संख्या में मजदूरों को रोजगार दिलाने में मध्यप्रदेश में प्रथम स्थान पर है.

कोरोना संकट के दौर में अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन ने जलाशयों की नहरों से सिल्ट निकालने एवं नहरों के सुधार व सफाई कार्य मनरेगा से कराने का सुझाव दिया था. जिससे वर्षा ऋतु के बाद धान फसल की सिंचाई के लिए नहरों से किसानों को सुगमता से पर्याप्त पानी दिया जा सकेगा. मनरेगा के अंतर्गत जिले के सर्राटी, चावरपानी, मुरूमनाला, वैनगंगा नहर प्रणाली, गांगुलपारा, भंडारखोह, मौरिया, भिमोरी, आमगांव, पोंगार, गायमुख, परसाटोला जलाशय की नहरों एवं मेंडकी एवं वारासिवनी शाखा की 218 किलोमीटर लंबाई की नहरों की सिल्ट निकालने एवं सुधार कार्य के लिए 03 करोड़ 44 लाख 50 हजार रुपये की मंजूरी प्रदान की गई है. इसी प्रकार 40 तालाबों के सुदृढ़ीकरण कार्य के लिए 03 करोड़ 83 लाख 76 हजार रुपये की मंजूरी प्रदान की गई है. नहरों एवं तालाबों के सुदृढ़ीकरण कार्यों से 02 लाख 97 हजार 438 मानव दिवसों का रोजगार सृजित होगा.

एक लाख 08 हजार मजदूरों को मास्क का किया गया वितरण

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए मनरेगा के कार्यों में पूरी सावधानी बरती जा रही है. सभी मजदूरों को मास्क लगाकर या मुंह पर गमछा बांधकर काम करने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही काम के दौरान दो व्यक्तियों के बीच कम से कम 06 फिट की दूरी बनाये रखने की भी सलाह दी गई है. मनरेगा में काम कर रहे एक लाख 08 हजार मजदूरों को मास्क का वितरण किया जा चुका है. मनरेगा के कार्य स्थल पर मजदूरों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की गई है.


Web Title : FIRST IN BALAGHAT DISTRICT STATE TO PROVIDE EMPLOYMENT THROUGH MGNREGA