बालाघाट. जिले में संसदीय निर्वाचन में सबसे ज्यादा उठापठक कांग्रेस में ही देखने को मिल रही है, यहां कांग्रेस प्रत्याशी की टिकिट बदलने, दिल्ली तक दौड़ लगाने वाले पूर्व विधायक, पूर्व सांसद और विधायक के नाम सामने आया है, जो कांग्रेस प्रत्याशी को बदलने की मांग को लेकर दिल्ली पहुंचे है. हालांकि कांग्रेस के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो कांग्रेस में प्रत्याशी का टिकिट बदलना, किसी चमत्कार से कम नहीं है, यदि कोई चमत्कार होता है तो ही टिकिट बदली जा सकती है, हालांकि इसकी संभावना कम ही है, जबकि टिकिट बदले जाने की मांग को लेकर दिल्ली तक पूर्व विधायकों के साथ विधायक के दौड़ लगाने की खबर पर एक विधायक ने दिल्ली जाने की खबरों का खंडन किया है. उनका कहना है कि वह चार धाम की यात्रा के बाद बालाघाट लौट रही है और 27 मार्च को वह कांग्रेस प्रत्याशी की नामांकन रैली में शामिल होंगी.
गौरतलब हो कि बालाघाट संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस से अधिकृत प्रत्याशी के रूप में सम्राटसिंह सरस्वार की घोषणा के बाद, सबसे ज्यादा नाराज, पूर्व विधायक हीना कावरे बताई जा रही है. कहा जाता है कि उसने, जिले में प्रत्याशी को बदलने के लिए निर्वाचित विधायकों के साथ ही पूर्व विधायक को लेकर, पार्टी पर टिकिट बदलने के लिए दबाव बनाया, लेकिन 26 मार्च की देररात तक उनकी किसी मुनासिब नेता से मुक्कमल चर्चा नहीं हो सकी. आज 27 मार्च को इस पर क्या फैसला होगा, यह तो समय बताएगा लेकिन कांग्रेस के जानकारों का कहना है कि संसदीय क्षेत्र में टिकिट बदलने को लेकर आला कमान गंभीर नहीं है, उनका मानना है कि इस सीट पर हार या जीत को लेकर कांग्रेस तैयार है, लेकिन कांग्रेस की टिकिट बदलने का लेकर ऐनवक्त पर पूर्व विधायक और विधायकों के दिल्ली दौड़ ने साबित कर दिया कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि टिकिट बदलने को लेकर कांग्रेस नेताओं के दिल्ली पहुंचने की खबर, भाजपा की उड़ाई गई खबर है, मेरी जानकारी के अनुसार ऐसा कुछ नहीं है.