शा. उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित की गई प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिता, चयनित प्रतिभागियों को किया गया पुरस्कृत

बालाघाट. मध्यप्रदेष राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के तत्वावधान में हिन्दी पखवाड़ा के अंतर्गत युवा पीढ़ी में भाषा साहित्य एवं संस्कृति को जोड़ने के उद्देष्य से शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिता आयोजित की गई. जिसमें शहर के विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने सहभगिता दर्ज की.  

प्रचार समिति के जिला अध्यक्ष बी. एल. राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला स्तरीय काव्य पाठ प्रतियोगिता में कुमारी धनश्री तुरकर ने प्रथम, कुमारी जान्हवी अजीत ने द्वितीय तथा सौम्या चौरागड़े ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. जबकि वाद-विवाद प्रतियोगिता के पक्ष में गंुजन बोपचे ने प्रथम, भूमिका दमाहे ने द्वितीय, कुमारी समीता छिपिये ने तृतीय स्थान तथा विपक्ष में कुमारी धान्या कावड़े ने प्रथम, कुमारी प्रतिक्षा मार्को ने द्वितीय तथा संकल्प बढ़ई ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. एकल लोकगीत  प्रतियोगिता में अयन सिंह ठाकुर ने प्रथम, कुमारी पलक कुषराम ने द्वितीय, तथा डिंषी लिल्हारे ने तृतीय  स्थान प्राप्त किया तथा चित्रांकन से शब्दांकन प्रतियोगिता में सुमन बिंद ने प्रथम, आर्यन लिल्हारे ने द्वितीय तथा हर्षिता तेजवानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया.  

जिसका पुरस्कार वितरण शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर एल. सी. जैन के मुख्य आतिथ्यि, उत्कृष्ट विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती राजलक्ष्मी नायडू की अध्यक्षता तथा षिक्षाविद डॉ. रामकुमार रामारिया के विषिष्ट आतिथ्य में पुरस्कार वितरण समारोह आयेजित किया गया. जिसमें प्रत्येक विधा के प्रथम स्थान प्राप्त छात्र-छात्रा का पांच सौ रूपये, प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र, द्वितीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी को चार सौ रूपये, प्रतिक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र  तथा तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी को तीन सौ रूपये, प्रतिक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया.  

स्वागत उद्बोधन देते हुए जिला संयोजक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा एवं राष्ट्रभाषा के पद पर स्थापित हुई है तथा लगातार राष्ट्र सेवा करते हुए हिन्दी जनमानस की भाषाएॅ बनी है. स्वतंत्रता की लडाई में महात्मा गांधी ने हिन्दी भाषा के ही माध्यम से जन-जन तक आंदोलन का संदेष दिया था. मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए प्रो. एल. सी. जैन ने मारीषस विष्व हिन्दी सम्मेलन का उदाहरण देते हुए कहा कि आज राष्ट्रीय ही नही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हिन्दी अपना स्थान बना रही है. विदेषों में रहने वाले भारतीय अपनी मातृभाषा का उपयोग करते हुए भारतीय संस्कृति को अपनाते है. इस प्रकार साहित्य एंव संस्कृति के विकास में हिन्दी भाषा का अमूल्य योगदान है. विषिष्ट अतिथि डॉ. रामकुमार रामारिया ने बताया कि हिन्दी किस प्रकार समृद्ध भाषा है तथा इसे अनेक पर्यायवाची शब्द हैं एवं रिष्तों का वर्गीकृत करने वाले शब्द भी हिन्दी भाषा में ही है, अन्य विदेषी भाषाओं में नही है. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे श्रीमती राजलक्ष्मी नायडू ने बताया कि जिस व्यक्ति को अपनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति पर गर्व नही होता वह पषुतुल्य है, निज भाषा के द्वारा हमारी भाव अभिव्यक्ति अत्याधिक सम्प्रेषिणीय होती है तथा भाषा शैली के द्वारा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का वास्तविक आंकलन किया जाता है.    अतः हमें अपनी मातृभाषा मे ही भाव अभिव्यक्ति करनी चाहिये. विभिन्न प्रतियोगिताओं के सफल संचालन में राजेन्द्र शुक्ल,‘सहज‘ अषोक सिंहासने, सुश्री अलका चौधरी,  सुभाष गुप्ता, प्राचार्य एम. के. सिंह, अषोक सागर मिश्र, दीपक भट्ट, श्रीमती प्रमिला बिजेवार तथा आर. एस. बघेले ने निर्णायकों का उत्तरदायित्व निभाया.   कार्यक्रम का सफल संचालन सांस्कृतिक प्रभारी श्रीमती पूनम मिश्रा द्वारा किया गया. अतिथियों का आभार बी. एल. राणा द्वारा व्यक्त किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने मे श्रीमती हेमलता वर्मा, श्रीमती रंजना तिवारी, श्रीती अर्चना चौबे, श्रीमती प्रतिभा भारद्वाज, रष्मि श्रीवास, प्रदीप खेड़े, मोनिका बोपचे, कल्पना ठोमरे का महत्वपूर्ण योगदान रहा.  


Web Title : SHA. TALENT PROMOTION COMPETITION HELD IN THE SCHOOL OF EXCELLENCE, SELECTED PARTICIPANTS WERE REWARDED