उष्णा प्लांट से निकल रहे दूषित पानी से परेशान ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन,कार्यवाही की मांग, नहर में दूषित पानी के जाने का नहीं मिला स्त्रोत

वारासिवनी. उष्णा राईस मिल का दूषित पानी नहर में छोडे़ जाने से पक्षियों एवं पालतु पशुओं के बीमार होकर मौत होने से नाराज ग्रामवासियों ने मिल संचालक पर कार्यवाही किये जाने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान राजकुमार पटले, शंकरलाल पटले, डिलेश्वर भैरम, श्रीरामजी ठाकरे, पारसलाल राहंगडाले, अजय पटले, विजय पटले, सुखचंद वरकडे, ओमकार भैरम, खिलेन्द्र राउत, नंदलाल वघाडे, विजय ऐडे, मनतोष राउत, हेमचंद ठाकरे, नंदू पंचेश्वर, योगराज सोनवाने, लोकचंद भैरम, भाउलाल राउत, ज्ञानी ठाकरे, गन्नुलाल ठाकरे, कन्हैयालाल कोल्हे एवं विनायक राहंगडाले सहित बड़ी सख्या मे ग्रामीणजन उपस्थित थे.

जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत खापा में आकाश इंडस्ट्रीज उष्णा राईस मिल के द्वारा मिल से निकलने वाला दूषित पानी नहर में छोड़ा जा रहा है. दूषित पानी से बदबू आने के कारण ग्रामीणजन परेशान है. वहीं दूषित पानी पीने के कारण पशु पक्षियों की मौत भी हो रही है. आकाश मिल से निकलने वाले दूषित पानी पर रोक लगाने के लिए आज ग्रामीणजनों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा कार्यवाही की मांग की अन्यथा आगामी दिनों में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. ग्रामीणों से ज्ञापन के माध्यम से मिली जानकारी के बाद तहसीलदार राजेन्द्र तेकाम ने संबधित विभाग के एसडीओ को मौके की जांच करने के लिए भिजवाया है. रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जायेगी.

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत खापा में आकाश इंडस्ट्रीज के संचालक गागनदास सोमानी द्वारा राईस मिल उष्णा प्लांट लगाकर अपना कार्य कर रहे है. उनके द्वारा उक्त प्रतिष्ठान ग्राम खापा में नहर के किनारे संचालित किया जा रहा है, किन्तु उष्णा प्लांट लगाते समय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जो दिशा निर्देश जारी किये जाते है, जो शर्ते अधिरोपित कि जाती है. उसका पालन नही किया जा रहा है और उष्णा प्लांट का जो पानी निकलता है. उसके संबंध मे कोई उचित व्यवस्था नही की गई है. उक्त जल अत्यंत प्रदूषित होता है और उक्त प्रदूषित जल को उक्त स्थान जो से जाने वाली नहर में छोड़ा जा रहा है. जो कि बहते-बहते ग्राम झालीवाड़ा से निकलते हुए ग्राम उमरवाड़ा तक पहुंच चुका है और उक्त जल अत्यन्त प्रदूषित होने से नहर में पाये जाने वाले जीव-जन्तु मर रहे है. इसके साथ ही नहर से लगी कृषिभूमि की फसल प्रभावित हो रही है, जिससे उठने वाली दुर्गन्ध के कारण किसान अपने खेत में नहीं जा पा रहे है. प्रदूषित जल से अत्यंत दुर्गन्ध आने की वजह से नहर किनारे मानव जीवन पर संकट पैदा हो गया है. और तो और प्रदूषित जल की वजह से समस्त ग्राम का पेयजल भी प्रदूषित हो रहा है. जिसकी जांच की जायें और देखा जाये कि प्रदुषण बोर्ड से अनुमति लेने के पश्चात् पूर्ण व्यवस्था की गई है तथा जो प्रदूषित जल जो नहर में छोड़ा जा रहा है उसकी जाँच कर उस पर रोक लगाई जाये या मिल को बन्द किया जाये.

राजीव सागर परियोजना के एसडीओ डी. डी. वाडिवे ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर संबधित राईस मिल का निरिक्षण किया. जहां से राईस मिल का पानी नहर में आ रहा है किन्तु निरिक्षण के दौरान वह ऐसा कोई पाईप या नली नही पाई गई. जिससे मिल का गंदा पानी नहर में आता हो. किन्तु नहर का पानी दूषित पाया गया है. नहर का पानी दूषित होने के कारणों की जांच की जायेगी. वही मिल संचालक को नोटिस जारी किया जायेगा.

जल उपभोक्ता संथा अध्यक्ष मूरत पारधी ने बताया कि नहर का पानी दूषित है किन्तु मिल का पानी नहर में आने का कोई भी स्रोत नही मिला है. ग्रामीणों का आरोप सही है कि मिल का पानी नहर के पानी को दूषित कर रहा है. मिल संचालक को मिल मंे दूषित पानी का स्वच्छ करने के लिए वाटर ट्रिटमेंट प्लांट लगाना चाहिये. जिससे गंदा पानी साफ हो और किसी को काई परेशानी न हो. ग्रामीणों के द्वारा यह आरोप लगाया जाना सरासर गलत है कि मिल का गंदा पानी नहर मंे जाता है. जांच अधिकारी ने स्वयं निरिक्षण किया है. मिल मंे नहर का पानी लंबे समय से रूका होने के कारण गंदा हो रहा है जिसके कारण पानी से दुर्गंघ आती है. हमारी राईस मिल में एटीपी प्लांट लगा है.

Web Title : VILLAGERS HARASSED BY CONTAMINATED WATER FROM UDHNA PLANT, MEMORANDUM OF ACTION, NO SOURCE OF CONTAMINATED WATER IN CANAL