गुजरात मे जीत दिलाने का दारोमदार एक बार फिर मोदी के सिर, दुर्ग बचने के लिए 27 से उतरेंगे रणक्षेत्र में

गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस बार जीत के लिए खूब मशक्कत कर रही है. राज्य में वेंटिलेटर पर पड़ी कांग्रेस में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने दौरे से जान फूंकी है जिससे बीजेपी के लिए परेशानी बढ़ी हैं. बीजेपी को गुजरात में छठी बार जीत दिलाने का जिम्मा एकबार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही है. बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए नरेंद्र मोदी 27 नवंबर को गुजरात के रण में उतर रहे हैं.

गुजरात नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है. मोदी 13 साल तक राज्य की सत्ता के सिंहासन पर विराजमान रहे हैं. गुजरात के सीएम से ही वे देश के पीएम बने हैं. ऐसे में मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी किसी भी सूरत में अपने दुर्ग को अपने हाथों से खिसकने नहीं देना चाहते. मोदी पांच दिन में यहां 17  जनसभाओं को संबोधित करेंगे. सबकी नजर इसी बात पर है कि मोदी अपने भाषण में वो कौन से मुद्दे उठाएंगे जो गुजरात चुनाव की दशा और दिशा तय करेंगे.

मोदी के निशाने पर होगी जातिवादी राजनीति 

पीएम नरेंद्र मोदी के निशाने पर जातिवादी राजनीति होगी. मोदी जातिवादी राजनीति को काउंटर करेंगे. इसके जरिए कांग्रेस ने जो पिछले कुछ समय से पाटीदार, ओबीसी सहित दलितों को अपने पाले में लाने की जो कोशिश की है, मोदी उसे विफल करने की कोशिश करेंगे. नरेंद्र मोदी ने अपनी पिछली रैली में भी कहा था. जातिवाद के बहकावे में ना आएं, जातिगत मुद्दों से देश के विकास में रुकावट आएगी

नरेंद्र मोदी जीएसटी को लेकर भी सफाई देंगे. गुजरात कारोबारियों का प्रदेश माना जाता है. केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी को लागू करने के बाद गुजरात के व्यापारी सड़क पर उतर आए थे. इसके अलावा राहुल गांधी लगातार गुजरात में पैठ बनाने के लिए जीएसटी को मुद्दा बनाए  हुए हैं और गब्बर सिंह टैक्स के रूप में इसे बदनाम कर दिया है. मोदी राहुल के इस आरोप का जवाब पूरी ताकत से देंगे

नरेंद्र मोदी गुजरात में बुलेट ट्रेन की सौगात को भी जमकर भुनाएंगे. देश की पहली बुलेट ट्रेन गुजरात को मिली है. ऐसे में मोदी के भाषणों में इसका जिक्र होगा. पिछले दिनों जब जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत आए थे और मोदी ने अहमदाबाद में एक तरह से उनका रोड शो कर दिया था.

नरेंद्र मोदी अपने आपको गुजराती अस्मिता से भी जोड़ेंगे. ये वो तीर से जो सालों से गुजरात में निशाने पर बैठता रहा है और बीजेपी अपने इस हथियार को बेकार नहीं जाने देगी. मोदी ने हमेशा अपने आपको गुजरात के बेटे के तौर पर पेश किया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मोदी चुनावी जनसभाओं से कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करेंगे और खुद को गुजराती हितों को समर्पित बताएंगे.

यूथ कांग्रेस की आनलाइन पत्रिका युवा देश के ट्विटर अकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाय वाला बताकर मजाक उड़ाया गया था. इस मीम में मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रिटेन की पीएम टेरेसा की तस्वीर लगाई गई थी, जो बाद में हटा दी गई. नरेंद्र मोदी खुद पर ऐसे किसी भी वार का भरपूर राजनीतिक फायदा उठाते रहे हैं. सोनिया गांधी का मौत का सौदागर और हाल ही में अखिलेश यादव का गुजरात के गधे वाला बयान इसका उदाहरण हैं.

नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के बहाने कांग्रेस पर निशान साध सकते हैं. यूपीए सरकार को दौरान वाले भ्रष्टाचार के मामले को उठा सकते हैं. इस बहाने मोदी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करेंगे. यही नहीं इससे निपटने के लिए अपने नोटबंदी जैसे कदम को भी सही ठहराएंगे क्योंकि राहुल नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं.

मूडीज द्वारा भारत की रैंकिंग सुधारने को भी मोदी गुजरात के रण में कैश कराएंगे. इस बहाने नरेंद्र मोदी उन लोगों को भी निशाने पर रखेंगे, जो लोग आर्थिक मोर्चे पर सरकार को घेरते रहे हैं. 13 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार आया है. इसका जिक्र मोदी जरूर कर सकते हैं. 3

Web Title : UNQUESTIONED TO WIN IN GUJARAT, ONCE AGAIN THE HEAD OF MODI, FROM 27 TO SITUATION BATTLEGROUND IN THE FORTRESS.