आम तौर पर ज्दाया उम्र के लोगों को हार्ट अटैक आता है. बच्चों में यह समस्या नहीं देखी जाती है. लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में एक निजी अस्पताल में 13 वर्ष के बच्चे को हार्ट अटैक का मामला सामने आया है. बच्चे को रविवार देर रात सीने में दर्द शुरू हुआ तो परिजन गोशाला स्थित एक निजी नर्सिंग होम में ले गए. जांच के बाद पाया गया कि बच्चे को हार्ट अटैक आया था. उसे आईजीआईएमएस भेज दिया गया. आसनसोल से ट्रेन से आ रहे बच्चे ने रास्ते में सीने में दर्द की शिकायत की. मुजफ्फरपुर पहुंचने पर उसे अस्पताल ले जाया गया. अब उसकी स्थित बेहतर है. आईजीआईएमएस में मंगलवार को उसकी एंजियोग्राफी की जाएगी. बताते हैं कि बच्चे के पिता मुजफ्फरपुर में नौकरी करते हैं.
निजी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि इतनी कम उम्र के बच्चे को हार्ट अटैक क्यों आया, इसकी पड़ताल की जा रही है. आईजीआईएमएस में जांच के बाद ही पूरी जानकारी सामने आ सकेगी. मुजफ्फरपुर में पहली बार इतने छोटे बच्चे को हार्ट अटैक की समस्या देखी गई है. डॉक्टरों के बीच भी यह चर्चा का विषय बना हुआ है. डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना के बाद हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. देश के कई हिस्सों से इस तरह के केस सामने आए हैं. वरिष्ठ फिजिशन डॉ कमलेश तिवारी ने बताया कि युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं. मुजफ्फरपुर में कम उम्र में बच्चे को हार्ट अटैक आने की घटना से डॉक्टर हैरान हैं.
बच्चों को मोटापा से बचाएं
एसकेएमसीएच में सहायक प्राध्यापक प्रो अमित कुमार दास ने बताया कि बच्चों के हृदय को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें मोटापा से बचाएं. मोटापा से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. बच्चों को तनाव से भी मुक्त रखें. इसके अलावा उनके खान-पान पर अभिभावक ध्यान रखें. बच्चों को फास्ट फूड बिलकुल खाने नहीं दें.
ईको जांच करानी चाहिए
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अंशु अग्रवाल ने बताया कि कम उम्र के बच्चे को अमूमन हार्ट अटैक नहीं आता है. संभव है उसे पहले से कोई बीमारी हो. बच्चों को सीने में दर्द होने पर उसकी ईको जांच करानी चाहिए.