तेजस्वी के विभाग में भारी गड़बड़ी, मुजफ्फरपुर CS पर कार्रवाई को DM ने सरकार से की सिफारिश; गंभीर हैं आरोप

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री सह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य विभाग में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन सदर अस्पताल, पीएचसी व वेलनेस सेंटर की साफ-सफाई में गड़बड़ी के मामले में सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की गई है. गलत तरीके से एक एजेंसी का चुनाव बिना टेंडर सफाई के लिए कर लिया गया था और उसके काम से अधिक की राशि का भुगतान किया गया था. डीएम ने जांच के लिए डीडीसी आशुतोष द्विवेदी को जिम्मेवारी सौंपी थी. जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार से कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

सदर अस्पताल, पीएचसी व वेलनेस सेंटर की साफ-सफाई के नाम पर भुगतान के मामले में सिविल सर्जन बुरी तरह घिर गये हैं. जांच में पाया गया कि सदर अस्पताल के ही एक आरोपित कर्मी ने छद्म तरीके से सफाई एजेंसी बनायी और उसका ठेका बिना टेंडर प्राप्त कर लिया. कंपनी के काम की समीक्षा किये बगैर समय-समय पर बड़ी राशि का भुगतान भी कर दिया गया. शिकायत मिलने के बाद जांच करायी गई तो गड़बड़ी की पुष्टि हुई. जांच में सिविल सर्जन से उनका पक्ष लिया गया, लेकिन वे समुचित जवाब नहीं दे पाये.  

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पहला मामला नहीं

मुजफ्फरपुर स्वास्थ्य विभाग का यह पहला मामला नहीं है. उल्लेखनीय है कि इसके पहले ठेके पर तकनीशियन व कर्मियों की बहाली में गड़बड़ी की शिकायत पर पूर्व के सीएस पर भी कार्रवाई की गई थी. उस मामले में भी उसी कर्मी का हाथ था. कोरोना काल में मानव बल बहाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई थी.

सफाई एजेंसी पर कई बार लग चुके हैं कोताही के आरोप

सदर अस्पताल में काम करने वाली सफाई एजेंसी पर कोताही बरतने के कई आरोप लगे थे. मरीजों का कहना था कि मेल और फिमेल वार्ड के शौचालय से काफी दुर्गंध आती है. इसके अलावा वार्डों की सफाई भी ठीक से नहीं की जाती थी. वार्ड की सफाई नहीं होने से दूसरी बीमारियां का खतरा रहता था. मेल वार्ड में पीछे सफाई नहीं की जाती थी. एमसीएच के वार्ड में भी सफाई नहीं होने की बात सामने आई थी. अस्पताल परिसर में भी कई जगह मेडिकल वेस्ट व दूसरे कचरे पसरे रहते थे. एजेंसी को पीएचसी में भी सफाई का जिम्मा था. जिले से गई स्वास्थ्य टीम ने कई बार पीएचसी में सफाई नहीं रहने की रिपोर्ट दी थी. सदर और पीएचसी में सफाई एजेंसी झारखंड की थी. लगभग डेढ़ वर्ष पहले वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इस एजेंसी को सफाई का जिम्मा दिया गया था. पिछले दिनों प्रशिक्षु आईएएस किशल्य कुशवाहा ने भी इस एजेंसी के दस्तावेज देखे थे.

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कहते हैं जिलाधिकारी

सदर अस्पताल व अन्य केंद्रों पर साफ-सफाई करने वाली एजेंसी की जांच करायी गई है, जिसमें अनियमितता की पुष्टि हुई है. इस मामले में की गई कार्रवाई से जल्दी ही अवगत कराया जाएगा. - 

Web Title : MUZAFFARPUR DM RECOMMENDS ACTION AGAINST TEJASHWI YADAVS DEPARTMENT THE ALLEGATIONS ARE SERIOUS.

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