गांवों को रोशन करने में नीतीश-तेजस्वी सरकार फिसड्डी; एक साल में कितना हुआ काम, सच्चाई हैरान कर देगी

नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार के गांव की गलियों और चौराहों को रात में रोशन रखने के लिए योजना बनाई. बड़े तामझाम के साथ सरकार ने इसे लॉन्च किया. लेकिन राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सोलर स्ट्रीट लाइट योजना लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है. एक साल बीत जाने के बाद इसमें कितना काम हुआ इसे जान कर आप भी हैरान रह जाएंगे. पंचायती राज विभाग इस योजना को चला रहा है.

बताया गया था कि दो साल में इस योजना को कर लिया जाएगा. पर आलम यह है कि एक साल बाद लक्ष्य का पांच प्रतिशत लाइट ही लग पायी है. इस योजना के तहत दो साल में राज्य के ग्रामीण वार्डों में 11 लाख से अधिक स्ट्रीट लाइटें लगनी थी. अभी तक मात्र 52 हजार 463 लाइट ही लग पाई है, जबकि अब-तक 50 प्रतिशत लाइट लग जानी चाहिए थी. इसको लेकर सरकार सख्त है और जल्द ही मुख्य सचिव के स्तर पर जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक होगी. इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना के क्रियान्वयन में तेजी लायी जाए.

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13 एजेंसियां कर रहीं काम

इस योजना का शुभारंभ 15 सितंबर 2022 को किया गया था. निजी एजेंसी के माध्यम से सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने की शुरुआत हुई. पंचायती राज विभाग के स्तर से निरंतर इसकी मॉनिटरिंग होती रही पर एजेंसियों की सुस्ती के कारण लाइटें कम लगी हैं. इस कार्य के लिए 13 एजेंसियों का चयन किया गया है. दो साल में राज्य के सभी एक लाख नौ हजार ग्रामीण वार्डों में दस-दस सोलर स्ट्रीट लाइट लगाया जाना था. पहले साल में साढ़े पांच लाख और फिर दूसरे साल में शेष लाइटें.

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राज्य के हर ग्रामीण वार्ड में दस-दस के अलावा संबंधित ग्राम पंचायत के क्षेत्र में अतिरिक्त दस लाइटें लगाने की स्वीकृति इस योजना में दी गई है. ग्राम पंचायत के मुखिया के माध्यम से यह तय किया जाना है कि अतिरिक्त सोलर स्ट्रीट लाइट किस-किस जगह पर लगेंगी. पंचायती राज विभाग ने कहा था कि यह जगह कोई सार्वजनिक स्थल, विद्यालय, खेलने की जगह, पंचायत भवन आदि हो सकती है. मालूम हो कि इस योजना की शुरुआत करने से पहले बड़े पैमाने पर राज्य में सर्वे किया गया था. इस दौरान बिजली के पोल चिह्नित किये गये थे. इन्हीं चिह्नित बिजली के पोल पर ही सोल्टर स्ट्रीट लाइट लगनी हैं.

सबसे अधिक 5440 स्ट्रीट लाइट बेगूसराय में लगी

विभाग में आई रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक 5440 स्ट्रीट लाइट बेगूसराय जिले में लगी है. इसके अलावा भोजपुर में 3481, बांका में 3263 और वैशाली में 2570, सुपौल में 2480, मधुबनी में 2090 लाइट लगी है. अन्य जिलों में इससे कम लाइट ही लग सकी हैं. पटना जिले में 1423 स्ट्रीट लाइट लगी हैं. सबसे कम स्ट्रीट लाइट मात्र 161 जुमई में लगी है.

Web Title : NITISH TEJASHWI GOVERNMENT FAILED TO LIGHT UP VILLAGES; HOW MUCH WORK HAS BEEN DONE IN A YEAR, THE TRUTH WILL SURPRISE YOU

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