महिला कॉन्स्टेबल गोलीकांड बनी पहेली? बयानों में उलझी पटना पुलिस, ट्रेनी दारोगा पर शक की सुई

पटना के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र स्थित जेपी गंगा पथ पर बीते दिनों महिला सिपाही पम्मी खातून को गोली लगने के मामले पर रहस्य बरकरार है. इस मामले में पुलिस की जांच फिलहाल जारी है. घायल सिपाही और वहां मौजूद महिला दारोगा सिपाही के बयान में विरोधाभास है. जिससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि पम्मी को गोली कैसे लगी, गोली किसने और क्यों मारी. वरीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों के बयान संदेहास्पद हैं. बावजूद इसके पुलिस घटना की काड़ियां जोड़ रही है. जल्द मामले का खुलासा किया जाएगा.  

घायल महिला सिपाही पम्मी खातून ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि रील बनाते वक्त दारोगा शबाना आजमी उसकी और आ रही थी. तभी बाइक पर आए बदमाशों ने उसे गोली मार दी थी. इस मामले में शबाना चश्मदीद है. जबकि पुलिस के मुताबिक शबाना बदमाशों को देखने की बात से इंकार कर रही है. उसका कहना है कि वह वीडियो बनाने में मशगूल थी. तभी पम्मी खातून की चीखें सुन वह मुड़ी तो पाया कि उसकी बांह में गोली लगी हुई है.

हालांकि गोली किसने मारी, वह नहीं देख पाई. पम्मी ने पुलिस को बताया था कि बाइक सवार दो युवकों ने उससे दीघा गोलंबर जाने का रास्ता पूछा था. बाद में बदमाशों ने पिस्टल से महिला सिपाही पर गोली चला दी थी. पम्मी खातून ने आपसी विवाद में प्रशिक्षु दारोगा रूपाली प्रसाद द्वारा हमला करने का शक जताया था. दरअसल पम्मी, शबाना और रूपाली वर्ष 2018 में सिपाही पद पर नियुक्त हुई थीं.  

दारोगा भर्ती परीक्षा पास कर शबाना और रूपाली दारोगा बन गई थीं. पम्मी और रूपाली के बीच पहले से विवाद चला आ रहा है. रूपाली वर्तमान में राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रही है. वरीय अधिकारी इस घटना में रूपाली का हाथ होने की बात से इंकार कर रहे हैं.

Web Title : WOMAN CONSTABLE SHOOTOUT TURNED PUZZLE? PATNA POLICE CONFUSED IN STATEMENTS, NEEDLE OF SUSPICION ON TRAINEE SUB INSPECTOR

Post Tags: