CBI ने कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ दर्ज किया केस, PIL मैनेज का है आरोप

झारखंड : मुख्यमंत्री व उनके करीबियों के शेल कंपनी चलाने व अवैध खनन से जुड़े मामले की जांच संबंधी जनहित याचिका को मैनेज करने के मामले में सीबीआई ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. प्रारंभिक जांच में दोषी मिलने पर सीबीआई दिल्ली की एंटी करप्शन ब्यूरो ने अमित के अलावा कोलकाता पुलिस के अज्ञात अफसरों व अन्य को पीसी एक्ट समेत अन्य धाराओं में आरोपी बनाया है. झारखंड हाईकोर्ट ने 30 नवंबर को सीबीआई को पीई दर्ज करने का आदेश दिया था.

सीबीआई ने अपनी जांच में क्या पाया है

जांच एजेंसी ने एफआईआर में बताया है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शिवशंकर शर्मा द्वारा राजीव कुमार के मार्फत हाईकोर्ट में शेल कंपनियों व अवैध खनन की सीबीआई जांच संबंधी अर्जी दी गई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि अवैध तरीके से मुख्यमंत्री, आईएएस पूजा सिंघल की संपत्ति का निवेश अमित अग्रवाल करता है. सीबीआई ने जांच में पाया है कि मार्च 2022 में अमित के कहने पर राजीव कुमार को प्रभावित करने की कोशिश रांची के तत्कालीन डीसी द्वारा की गई पर ऐसा नहीं हो पाया. बाद में 31 जुलाई को अमित ने कोलकाता के हेयर स्ट्रीट थाने में शिवशंकर शर्मा और राजीव कुमार पर 10 करोड़ रंगदारी मांगने का आरोप लगाया ताकि पीआईएल डिसमिस कराया जा सके.

पुलिस की तरफ से बरती गई यह लापरवाही

सीबीआई ने पाया है कि हेयर स्ट्रीट थाने में दर्ज केस में पुलिस ने अमित की शिकायत में किसी सरकारी अधिकारी,अज्ञात पदाधिकारी का जिक्र तक नहीं था. बावजूद पुलिस ने पीसी एक्ट के तहत केस दर्ज किया. सीबीआई ने जांच में पाया कि अमित ने ज्यूडिशियल प्रोसेस को प्रभावित करने के लिए पुलिस की मदद से राजीव को घूस दिया था. जांच में यह बात सामने आयी कि राजीव ने कभी रंगदारी की मांग नहीं की थी, इस बात की पुष्टि ऑडियो रिकार्डिंग से भी हुई है.

राजीव को फंसाने के लिए रची गई थी साजिश

अमित ने अपने दोस्त सोनू अग्रवाल के जरिए राजीव को कोलकाता बुलाया था. इसके बाद उन्हें ट्रैप करवा कर 50 लाख के साथ 31 जुलाई को पकड़वाया गया. इससे पहले राजीव कुमार 13 जुलाई को भी कोलकाता गए थे. इस दौरान अमित से बातचीत की रिकार्डिंग भी सीबीआई को मिली है. इस रिकार्डिंग में जिक्र था कि राजीव कुमार को यह कहा गया था कि वह जजों से बेहतर संबंध रखते हैं, ऐसे में पीआईएल डिसमिस कराएं.

सीबीआई ने गुरुवार को कई ठिकानों में मारा छापा

सीबीआई ने न्यायपालिका, ईडी और सरकारी अधिकारियों पर कथित तौर पर लांछन लगाने से जुड़े मामले में अमित अग्रवाल के झारखंड और पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित दो ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की. केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. हालांकि, छापेमारी के दौरान क्या मिला इसकी जानकारी नहीं दी गई है. इससे पहले दिल्ली में सीबीआई ने अमित के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इसके बाद सीबीआई टीम ने कोलकाता वरांची स्थित कई ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की.  

इससे पहले सीबीआई ने मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान अमित से पूछा था कि याचिका को मैनेज करने के लिए कैसे डील हुई. आरोप है कि राजीव कुमार ने दस करोड़ की मांग की थी और एक करोड़ में सौदा तय हुआ था, यह कितना सही है और इसके क्या सबूत हैं? किन-किन अफसरों व न्यायिक पदाधिकारियों को मैनेज करने की बात हुई थी? इन सभी बिंदुओं पर सीबीआई ने पूछताछ की थी.

Web Title : CBI REGISTERS CASE AGAINST BUSINESSMAN AMIT AGARWAL

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