मोदी का मैजिक या हेमंत की हिम्मत, कौन जीतेगा रामगढ़ उपचुनाव का रण

झारखंड : झारखंड की रामगढ़ विधनसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है. 27 फरवरी को वोटिंग होगी और 2 मार्च को नतीजों का ऐलान होगा. महागठबंधन जहां एक और उपचुनाव में जीत का दावा कर रहा है वहीं एनडीए के लिए रामगढ़ का रण प्रतिष्ठा का विषय है. दरअसल, 2019 के बाद से झारखंड में 4 उपचुनाव हुए और हर बार उसे शिकस्त मिली. रामगढ़ उपचुनाव में बीजेपी-आजसू साथ उतरेगी. 2019 से पहले ये एनडीए की परंपरागत सीट थी. दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने भी जीत का दावा कर दिया है. दिलचस्प बात ये भी है कि रामगढ़ सीट से सदस्यता गंवाने वाली कांग्रेस विधायक ममता देवी के पति बजरंग महतो ने उम्मीदवारी का दावा किया है.  

2019 के बाद 4 उपचुनाव हारी है बीजेपी

गौरतलब है कि झारखंड में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद से 4 उपचुनाव हुए हैं. सभी सीटों पर महागठबंधन प्रत्याशी जीते. बेरमो और मांडर में कांग्रेस की जीत हुई वहीं दुमका और मधुपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत हासिल की. इन सभी चुनावों में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी लेकिन हार का सामना करना पड़ा. बतौर प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के लिए भी रामगढ़ उपचुनाव नाक की लड़ाई है. दीपक प्रकाश के लिए रामगढ़ इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बीते दिनों झारखंड बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट हो चुकी है. 2019 के चुनावों के बाद बीजेपी में वापसी करने वाले बाबूलाल मरांडी को भी रामगढ़ उपचुनाव में खुद को साबित करना होगा क्योंकि बीजेपी के लिए भीड़ और वोट जुटाऊ नेता माने जाने वाले बाबूलाल मरांडी की वापसी के बाद से पार्टी 3 उपचुनाव हार चुकी है. पार्टी ये भी ध्यान में रखेगी.  

बीजेपी ने रामगढ़ में किया जीत का दावा

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 2005, 2009 और 2014 में रामगढ़ से चंद्रप्रकाश चौधरी जीते. तब आजसू और बीजेपी साथ थी. 2019 में हम अलग हुए और हार का सामना करना पड़ा. एनडीए में आजसू की वापसी हो रही है. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि रामगढ़ उपचुनाव पर फैसला राज्य पार्टी नेतृत्व, केंद्रीय नेतृत्व और आजसू नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमने सभी उपचुनाव गंभीरता से साथ लड़ा लेकिन ये समझना होगा कि वो सभी सीटें महागठबंधन में शामिल दलों की परंपरागत सीटें थी. सरकार नई-नई बनी ही थी तो जनता एक और मौका देना चाहती थी लेकिन वहां जीत-हार का मार्जिन उनके लिए आधे से भी कम का था. उन्होंने कहा कि 2019 के पहले रामगढ़ में 3 बार चंद्रप्रकाश चौधरी जीते. तब एनडीए साथ था. 2019 में हम अलग थे. 2019 में दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के वोट को मिलाएं तो सवा लाख से ज्यादा होता है.

महागठबंधन की प्रत्याशी 99 हजार वोट लाकर जीतीं. प्रतुल शाहदेव ने दावा किया कि रामगढ़ उपचुनाव में एनडीए की जीत महागठबंधन सरकार के पतन की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी चरम पर है. कानून व्यवस्था बेपटरी हो चली है. 3 साल का कार्यकाल बहुत होता है लेकिन यूपीए सरकार किसी भी वादे को पूरा करन में असफल रही.  

रामगढ़ में जीत के प्रति आश्वस्त है महागठबंधन

रामगढ़ उपचुनाव में एक और जहां बीजेपी ने एनडीए की जीत का दावा किया है वहीं यूपीए अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि हमारी तैयारी पहले से ही चल रही है. बीते 1 साल से संगठन सशक्तिकरण का काम जारी है. चुनाव आयोग द्वारा रामगढ़ उपचुनाव की घोषणा से पहले ही प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें रामगढ़ में चुनाव के बाबत कंट्रोल रूम और वॉर रूम बनाने का फैसला लिया गया. प्रखंड और पंचायत स्तर पर कलस्टर बनाकर नेताओं की प्रतिनियुक्ति की बात हुई. जिला स्तर पर चुनाव प्रबंध समिति की घोषणा की गई. कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो इसकी अगुवाई करेंगे. एक और कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर रामगढ़ जिले से ही ताल्लुक रखते हैं. राजीव रंजन ने कहा कि हम पूरी मजबूती से रामगढ़ में लड़ेंगे और जीतेंगे भी. ये हमारी सीट है.  

राजीव रंजन ने कहा कि रामगढ़ में जनता ने हमें पूरे 5 साल का मैंडेट दिया था. लेकिन, आंदोलन करने वाली हमारी नेता को साजिशन जेल भेजा गया. रामगढ़ की जनता सारा सच जानती है. एनडीए साथ आया है. बीजेपी चाहे तो किसी और को भी मिला ले. उन्होंने कहा कि जहां तक उपचुनावों की बात है. पिछली सरकार हो या ये सरकार, हमारा ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है. उन्होंने कहा कि इन्होंने बेरमो, मांडर और मधुपुर में भी जोर लगाया. मांडर उपचुनाव से पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बुलाकर आदिवासी विश्वास रैली की, लेकिन यहां का आदिवासी सब जानता है. राजीव रंजन ने कहा कि बीजेपी फ्रंटफुट पर क्यों नहीं लड़ती. क्यों चंद्रप्रकाश चौधरी का सहारा ले रही है. हमारी चुनौती है कि रघुवर दास मैदान में उतरें और रामगढ़ उपचुनाव में प्रत्याशी बनें.  

पूर्व विधायक ममता देवी के पति बजरंग महतो की दावेदारी पर राजीव रंजन ने कहा कि परिवारवाद का आरोप लगाना गलत है. वो पार्टी के सम्मानित कार्यकर्ता हैं. वर्षों, पार्टी के लिए मेहनत किया है. उनको पूरा हक है दावेदारी का. उन्होंने कहा कि जो लोग हमपर परिवारवाद का आरोप लगाते हैं उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. हजारीबाग में जयंत सिन्हा को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया. उनका क्या योगदान है.  

क्या रहे झारखंड में पिछले 4 उपचुनाव परिणाम

झारखंड में 2019 के बाद से हुए उपचुनावों की बात करें तो बेरमो में नवंबर 2020 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अनूप सिंह उर्फ कुमार जयमंगल सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी योगेश्वर महतो बाटुल को हराया था. ये सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह के निधन से खाली हुई थी. दुमका उपचुनाव में झामुमो के बसंत सोरेन ने बीजेपी की डॉ. लुईस मरांडी को हराया. मधुपुर उपचुनाव में झामुमो के हफीजुल हसन अंसारी ने बीजेपी के गंगा नारायण सिंह को हराया था. मांडर उपचुनाव में कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की ने बीजेपी की गंगोत्री कुजूर को हराया.  

किन मुद्दों के साथ रामगढ़ में उतरेगा सत्तापक्ष-विपक्ष

गौरतलब है कि रामगढ़ उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी अथवा एनडीए के पास बेरोजगारी, बेरोजगारी भत्ता, कानून-व्यवस्था, महिला अपराध और शिक्षा जैसे मुद्दे हैं. अवैध खनन और मनी लाउंड्रिंग को लेकर मुख्यमंत्री से हुई ईडी की पूछताछ और उनके विधायक प्रतिनिधि पर कसा शिकंजा भी एनडीए के लिए मुद्दा होगा. दूसरी ओर सरकार पारा शिक्षकों को लेकर बनी नियमावली, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका मानदेय वृद्धि, पुलिसकर्मी क्षतिपूर्ति अवकाश, 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति और सरना धर्म कोड को लेकर जनता के बीच जाएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस समय खतियानी जोहार यात्रा पर हैं. वे लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी पर राज्य सरकार के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप लगा रहे हैं.  

Web Title : MODIS MAGIC OR HEMANTS COURAGE, WHO WILL WIN THE RAMGARH BY ELECTION?

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