साहिबगंज के नींबू पहाड़ से जुड़े अवैध खनन मामले की सीबीआई जांच जारी रहेगी. हाईकोर्ट ने जांच पर लगी रोक वापस ले ली है. शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाते हुए जांच पर रोक लगाने के लिए झारखंड सरकार की ओर से दायर याचिका भी खारिज कर दी. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने 16 फरवरी को इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इस मामले में सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया था कि हाईकोर्ट का आदेश केवल प्रारंभिक जांच करने का था, लेकिन राज्य सरकार से अनुमति लिए बिना ही सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर ली, जो गलत है. अपनी दलील में यह भी कहा कि प्रारंभिक जांच में यदि सीबीआई को कुछ तथ्य मिले थे, तो उसे प्राथमिकी दर्ज करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी चाहिए थी. बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई जांच नहीं कर सकती है.
वहीं सीबीआई की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट का आदेश था कि अगर प्रारंभिक जांच (पीई) में कुछ आपराधिक घटनाओं की संलिप्तता पाई जाती है, तो सीबीआई कानूनसम्मत निर्णय लेकर आगे की कार्रवाई कर सकती है. प्रारंभिक जांच में अपराध में संलिप्तता और हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई निदेशक ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. इसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया. एफआईआर दर्ज करने के लिए सीबीआई को राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं है. पीई के बाद आगे की कार्रवाई के संबंध में हाईकोर्ट का आदेश काफी स्पेसिफिक था.
सरकार ने क्या कहा है याचिका में : इस मामले में सरकार ने याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट ने 18 अगस्त 2023 को सीबीआई को नींबू पहाड़ इलाके में हुए अवैध खनन की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था. आदेश में कहा गया था कि यदि सीबीआई को जांच में तथ्य मिले, तो वह आगे की कार्यवाही पर उचित निर्णय ले सकती है. इसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दी. जांच शुरू करने के पहले सीबीआई ने राज्य सरकार से अनुमति नहीं ली. न ही किसी न्यायालय ने जांच का आदेश दिया था. सीबीआई राज्य सरकार के मामले में बिना किसी अनुमति के जांच नहीं कर सकती.