झारखंड में जलसंकट, नगर निगम पर बिफरे मुख्य सचिव; डैम के किनारे अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश

झारखंड में गर्मी के मौसम में लोगों को पानी की किल्लत कम से कम हो इसके लिए मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने सभी नगर निकायों को 24X7 काम करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी नगर निकायों को अपने-अपने मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाकर टोल फ्री नंबर जारी करने का निर्देश भी दिया है. ताकि, लोगों को पानी की समस्या से कम से कम हो. नगर निकायों केसाथ पेयजल विभाग भी इसकी मॉनिटरिंग करें.

इसके अलावा मुख्य सचिव ने रांची के उपायुक्त को निर्देश दिया है कि वे राजधानी के तीन प्रमुख डैम रुक्का, कांके और हटिया के अतिक्रमण क्षेत्रों को चिन्हित करें और उसे तत्काल अतिक्रमण मुक्त करें. मुख्य सचिव ने गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में नगर विकास विभाग के सचिव चंद्रशेखर और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव मनीष रंजन के साथ पेयजल की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की.

बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के उपायुक्त, नगर निकायों के प्रशासक या कार्यपालक पदाधिकारी, इंजीनियर जुड़े हुए थे.

मुख्य सचिव ने पेयजल को लेकर बने बने टास्क फोर्स की भी जानकारी ली

मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों से पेयजल को लेकर बने बने टास्क फोर्स की भी जानकारी ली. बैठक में मुख्य सचिव ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, सरायकेला, दुमका, हजारीबाग, पलामू, देवघर के उपायुक्तों और नगर निकायों के अधिकारियों से पानी को लेकर तैयारी पर विशेष जायजा लिया. बता दें कि यह सभी जिलों गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्याओं का काफी सामना करते है.

तीनों डैमों में सिर्फ हटिया का जलस्तर पिछले साल से कम

हटिया, कांके और गेतलसूद डिवीजन से मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार तक राजधानी के तीन डैमों में से हटिया डैम का जलस्तर पिछले वर्ष की तुलना में कम है. बाकी दो अन्य डैम गेतलसूद (रुक्का) और गोंदा (कांके) का जलस्तर पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा है. बता दें कि उपरोक्त तीनों डैम रांची शहरी जलापूर्ति योजना का आधार है. रुक्का डैम से शहर की कुल 80 प्रतिशत आबादी को पेयजल आपूर्ति की जाती है. वहीं, अन्य दो हटिया और गोंदा डैम से क्रमश करीब 13 प्रतिशत और 7 प्रतिशत आबादी को पेयजल आपूर्ति होती है.

मुख्य सचिव ने क्या कहा

● हर निकायों और पंचायत के पुराने खराब चापाकलों को तत्काल मरम्मत कराएं.

● चापाकलों की मरम्मति के लिए इंजीनियरिंग शाखा मुस्तैदी से काम करें.

● जहां पाइपलाइन की सुविधा नहीं है, वहां टैंकर से पानी पहुंचाएं.

● जिन निकायों में टैंकर की सुविधा नहीं है, वहां जल्द से इसकी व्यवस्था करें.

● जिन इलाकों की पाइपलाइन खराब हुई है, उसकी जल्द मरम्मति करा लें.

● शहरी क्षेत्रों में जितने जलस्त्रत्तेत हैं, उसे भी दुरुस्त और विकसित करें.

रांची नगर निगम ने तैयारी की दी जानकारी

बैठक के बाद नगर विकास सचिव ने सभी नगर निकायों के प्रशासक, कार्यपालक पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में रांची नगर निगम के प्रशासक ने बताया कि निगम ने 20 नए टैंकरों को खरीदा है, जिसकी क्षमता प्रति टैंकर 4000 किलोलीटर है. पहले चरण में निगम को पांच टैंकर मिल गए हैं. शेष एक सप्ताह के भीतर फेज वाइज मिलेंगे. टैंकरों के माध्यम से आवश्यकतानुसार मोहल्लों में निशुल्क पेयजल आपूर्ति की जाएगी.

Web Title : JHARKHAND CHIEF SECRETARY FURIOUS OVER WATER CRISIS; ORDER TO REMOVE ILLEGAL ENCROACHMENT ON THE BANKS OF THE DAM

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