नीरज सिंह हत्या मामले में झरिया विधायक संजीव सिंह की जमानत याचिका खारिज

रांची : धनबाद के  पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या मामले में बुधवार को झरिया के विधायक संजीव सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी गई. इस मामले में विधायक और दिवंगत नीरज के चचेरे भाई संजीव सिंह 11 अप्रैल से रांची जेल में हैं. बताते चलें कि 21 मार्च 2017 को धनबाद में गोलियों से छलनी कर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या कर दी गई थी. संजीव सिंह के काफिले में सात से आठ गाड़ियां चलती हैं, जिनके नंबर भी स्पेशल होते हैं. उनकी काफिले की सभी गाड़ियों का कलर एक जैसा होता है और उनमें काले शीशे लगे होते हैं. संजीव सिंह जिस गाड़ी में बेठते हैं वह बुलेट प्रूफ कार होती है.

-फिलहाल रांची के होटवार जेल में बंद संजीव की भूमिका को अदालत ने इस मामले में संदिग्ध माना. अदालत ने कहा कि नीरज पर जानलेवा हमले के समय संजीव के मोबाइल फोन का टावर लोकेशन स्टील गेट के आसपास बताया गया है.

-संजीव की ओर से अधिवक्ता जावेद ने याचिका पर अपना पक्ष रखा, जबकि अभियोजन पक्ष से सीनियर पीपी टीएन उपाध्याय ने जमानत का विरोध किया.

-गौरतलब है कि 21 मार्च 2017 को स्टील गेट के पास गोलियों से छलनी कर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या कर दी गई थी.

-नीरज के भाई अभिषेक सिंह की लिखित शिकायत पर 23 मार्च 2017 को संजीव सिंह, उनके भाई मनीष सिंह, संजय सिंह, जयनेंद्र उर्फ पिंटू सिंह, धनंजय सिंह उर्फ धनजी सिंह आदि को नामजद आरोपी बनाया गया था.

-इधर, हत्याकांड की अहम कड़ी पंकज कुमार सिंह के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट हासिल करने के पहले सरायढेला पुलिस उस पर दर्ज मामलों की जानकारी जुटा रही है.

-पंकज ने पिछले दिनों यूपी के सुल्तानपुर कोर्ट में सरेंडर किया है. सरायढेला पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पंकज ने किस मामले में सरेंडर किया है. जानकारी जुटाने के बाद पुलिस प्रोडक्शन वारंट के लिए कोर्ट में अर्जी देगी.

-नीरज हत्याकांड में पंकज और संतोष सिंह दो ऐसे नाम हैं, जिनके पास कई राज छिपे हैं. हत्याकांड के बाद पुलिस लगातार दोनों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही थी.

-लेकिन घटना के बाद दोनों भूमिगत हो गए थे. पंकज के पकड़े जाने के बाद संतोष के बारे में भी खुलासा होगा. साथ ही यह भी पता चला चलेगा कि हत्या के बाद मर्डर वेपन कहां हैं, सुपारी की रकम कितनी है, हत्या के लिए उसे किसने लाइजनर की भूमिका में इस्तेमाल किया है.

-धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह और उनके तीन समर्थकों को हमलावरों ने 21 मार्च की शाम गोलियों से भून दिया था.

-यह हमला उस वक्त हुआ, जब नीरज सिंह अपनी गाड़ी से स्टील गेट स्थित रघुकुल आवास जा रहे थे. नीरज सिंह की गाड़ी जैसे ही स्टील गेट पहुंच कर ब्रेकर पर धीमी हुई, हमलावरों ने तीन तरफ से उन्हें घेर लिया.

-जब तक नीरज सिंह कुछ समझ पाते हमलावरों ने उन पर गोलियों की बरसात कर दी. एक के बाद एक 100 राउंड फायरिंग की.

-अगली सीट पर बैठे नीरज सिंह को 25 गोलियां लगी, जबकि उनकी बाॅडी पर 67 गोली लगने के निशान मिले.

-सरेआम हुए इस हमले में उनके निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी, चालक घलटू और करीबी समर्थक अशोक यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी.

-संजीव सिंह धनबाद जिले के झरिया से बीजेपी के विधायक हैं. उन्होंने दिसंबर 2014 में भाजपा की टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की थी.

-उनके पिता सूर्य देव सिंह धनबाद में कोल किंग के नाम से मशहूर थे. वहीं, मां कुंती सिंह भी झरिया की विधायक रह चुकी हैं.

-धनबाद में उनका बंगला काफी चर्चित है जिसे ´सिंह मेंशन´ नाम से जाना जाता है. वे यहां के सबसे ताकतवर राजनीतिक घरानों में से है.

-विधायक संजीव सिंह ने 2013 में अपने भाई राजीव रंजन की मौत के बाद उनकी पत्नी रागिनी (भाभी) से शादी की थी.

-संजीव सिंह ने कोर्ट मौरिज की थी जिसमे फैमिली और कुछ खास लोग ही शामिल थे. जिस दिन राजीव रंजन ने सगाई की उस दिन उनकी मां पूर्व विधायक कुंती देवी ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर संजीव सिंह को अपना राजनीतिक वारिस भी घोषित किया था.


Web Title : NEERAJ SINGH MURDER CASE REJECTED THE BAIL APPEAL OF JHARIA MLA SANJEEV SINGH