दुनिया देखनी थी लेकिन...सरकारी अस्पताल के इनक्यूबेटर में जला नवजात; नर्स ने कपड़े में लपेटकर रिम्स भेजा

झारखंड के सदर अस्पताल की स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में नवजात की जलकर मौत हो गयी. उसे बेहतर उपचार के लिए यहां भर्ती कर इनक्यूबेटर में रखा गया था. लेकिन, वहां जलकर उसकी मौत हो गयी. परिजनों का आरोप है कि छुपाने के लिए वहां की नर्स ने शिशु को कपड़े में लपेटकर व ऑक्सीजन लगाकर रिम्स रेफर कर दिया. जब पिता इटकी निवासी आनंद मसीह लकड़ा बच्चे को लेकर सुबह रिम्स पहुंचे तो डॉक्टर बच्चे को देखकर हैरान रह गए. रिम्स में चिकित्सक ने आनंद को बताया कि बच्चे की मौत रात में ही हो चुकी है. आनंद ने गुरुवार को इस बाबत लिखित शिकायत रांची सिविल सर्जन से की है.

क्या है पूरा मामला 

आनंद ने अपनी शिकायत में कहा है कि 13 फरवरी की रात 8:02 बजे सदर अस्पताल में उसकी पत्नी निरीली टोप्पो की डिलिवरी (लड़का) हुई. मां और बच्चा दोनों ठीक था. रात 8:15 बजे बच्चे को यह कहकर एसएनसीयू में भर्ती किया गया, कि बच्चे की धड़कन कम है. उसके बाद उसे अस्पताल में कुछ नहीं बताया गया. सुबह पांच बजे उसे नर्स ने बुलाकर कहा कि बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब है, रिम्स रेफर कर दिया. आनंद ने बताया कि उसने 23 फरवरी को सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से इसकी शिकायत की थी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. तब गुरुवार को उसने सिविल सर्जन से शिकायत की है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

रिम्स के पेड्रियाटिक सर्जन डॉ अभिषेक रंजन ने कहा, ´बच्चे की मां की तरह होता है इनक्यूबेटर. इसमें बच्चे की सुरक्षा के सभी इंतजाम होते हैं. 99 प्रतिशत गारंटी है कि इससे बच्चे को नुकसान नहीं हो सकता. अगर एक प्रतिशत भी आशंका है तो ऑटोप्सी करा लें. ´

इन कारणों से नवजात को रखा जाता है इनक्यूबेटर में

1. समय से पहले जन्म परशरीर के तापमान को नियंत्रित कर शिशु को विकसित करता है
2. सांस लेने में समस्याएं होने पर कार्डियो-श्वसन निगरानी की जाती है
3. संक्रमण होने पर हाथ व अन्य जगहों से आईवी तरल पदार्थ और दवाएं दी जा सकती हैं
4. पीलिया रोग होने पर विशेष फोटोथेरेपी और फ्लोरोसेंट रोशनी से इलाज किया जाता है

Web Title : THE WORLD HAD TO BE SEEN, BUT... NEWBORN BURNT IN GOVERNMENT HOSPITAL INCUBATOR; THE NURSE WRAPPED IN CLOTH AND SENT IT TO RIMS

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